नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
New India Times द्वारा जलगांव जिले में पाचोरा से सप्लाई किए जा रहे अवैध गुटखे की यंत्रणा का भंडाफोड़ किए जाने के बाद कथित ग(स)नी भाई नामक शख्स ने गुटखे की तस्करी को फिलहाल रोक दिया है. इस बात की जानकारी हमें हमारे सूत्रों के माध्यम से मिली है. इसके पहले मार्च अंत के मद्देनजर खुदरा व्यापारी से रिटेलर्स ने गुटखे की जमाखोरी कर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जिसमें करोड़ों रुपया कमाया गया है. तहसीलों के प्रमुख शहरों में स्वीट मार्ट, गोली बिस्किट के बैनर वाली होलसेल दुकानों पर पान मसाले के नाम पर रंगीन पैकेट्स में हर किस्म का गुटखा आसानी से बेचा जा रहा है. एक राष्ट्र एक टैक्स के तहत केंद्र सरकार ने सुई से लेकर मोटर कार प्लेन तक की सभी चीजें GST के दायरे में लाई है (सिवाय इंधन के) बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा कानूनी रूप से बैन किए जा चुके गुटखे के उत्पादन और बिक्री के बिजनस में करोड़ों रुपयों की मुनाफाखोरी हो रही है वो भी सरकार को किसी भी प्रकार का टैक्स पे किए बगैर. अभी तो इतना तर्क काफी है कि गुटखा उत्पाद तथा वितरण प्रणाली से F&D के आर्थिक लेनदेन वाले मौखिक अनुबंध हो सकते हैं जिसके बलबूते ये धंदा बेलगाम होकर दौड़ रहा है और हर दिन सैकड़ों मासूम लोगों को कैंसर की चपेट में ले रहा है. उद्धव ठाकरे सरकार में आज सबसे घटिया कामकाज किसी मंत्रालय का होगा तो वह अन्न तथा औषधि मंत्रालय का है. अगर F&D की ओर से ईमानदारी से जिले की सभी स्वीट मार्ट की दुकानों और उनके गोडाउनों पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया तो पान मसाले की शक्ल में करोड़ों रुपयों का गुटखा आसानी से बरामद किया जा सकता है,
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