बीएमसी ने मुंबई की 337 बिल्डिंगों को किया खतरनाक घोषित, क्या इन इमारतों में रहने वालों के लिए सरकार के पास कोई प्लान है या इन्हें बेघर होना पड़ेगा??? | New India Times

अलीशा चंद्रकर, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:

बीएमसी ने मुंबई की 337 बिल्डिंगों को किया खतरनाक घोषित, क्या इन इमारतों में रहने वालों के लिए सरकार के पास कोई प्लान है या इन्हें बेघर होना पड़ेगा??? | New India Times

मुंबई का मानसून बहुत ही अलग होता है, यहाँ इतना ज़ादा पानी भर जाता है कि कुछ इलाकों के लोगों को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ता है। हर साल मानसून के पहले महराष्ट्रं सरकर ऐसी इमारतों के नाम घोषित करती है जो मुंबई में बारिश के दौरान रहने के लिए असुरक्षित हैं। इसबार BMC ने 337 इमारतों के नाम घोषित किये हैं जो बारिश में गिर सकती हैं और लोगों की जान भी जा सकती है.

बीएमसी द्वारा मंगलवार को जारी सूची के अनुसार, शहर में 337 इमारतें जर्जर हालत में हैं। इन इमारतों में से 70 मुंबई मुख्य शहर में हैं जबकि 104 पूर्वी उपनगरों में और 163 पश्चिमी उपनगरों में हैं।

हर साल मानसून से पहले बृहन्मुंबई महानगरपालिका खतरनाक और असुरक्षित इमारतों की सूची जारी करता है। मार्च में प्रकाशित पहले की सूची में कहा गया था कि 331 इमारतें C1 श्रेणी में आती हैं, जिसका अर्थ है कि ये इमारतें मरम्मत से परे हैं और इन्हें तुरंत ध्वस्त करने की आवश्यकता है। तब से संख्या में 6 की वृद्धि हुई है और इनमें से 224 भवनों पर अभी भी कब्जा है।

एहतियात के तौर पर, खतरनाक और उच्च जोखिम वाली इमारतों में रहने वाले नागरिकों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाना चाहिए: बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल

हालांकि, अच्छी खबर यह है कि पिछले वर्षों की तुलना में ऐसी खतरनाक इमारतों की संख्या में कमी आई है। 2021 में, 456 इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया था और इनमें से 165 को खाली करके ध्वस्त कर दिया गया था। 2020 में यह संख्या 499 थी और 2019 में यह 619 थी।

मानसून आने के पहले ही इन सब इमारत को खली करवा दिया जायेगा। लेकिन क्या सरकार उन लोगों को रहने के लिए दूसरा घर देगी? क्या सरकार उन्हें रेंट देगी? सरकार इसमें क्या भूमिका निभाएगी? अगर उनके ईमारत गिरने की कगार पर हैं तो सरकार को स्ट्रिक्ट एक्शन बिल्डर के खिलाफ लेना चाहिए और जल्द से जल्द इमारतों को फिर से बनवा के लोगों के घर वापिस देना चाहिए।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading