राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सरकार भले ही स्वास्थ सुविधाओं को विकसित करने के लिए अनेकों योजनाएं चलाती है लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन लोगों की जाने जा रही हैं पर अफसोस इस बात का है कि इन लापरवाह अधिकारियों पर कभी कोई कार्यवाही नहीं होती है।
ताजा मामला देवरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर करीब 2:30 बजे देखने को मिला जब करंट लगने से जीवन और मौत से जूझ रहे एक 10 वर्षीय बालक को डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण समय से इलाज नहीं मिल पाया और आखिरकार 10 वर्षीय मासूम ने अस्पताल की चौखट पर ही दम तोड़ दिया।
घटना इस तरह की है कि केसली विकासखंड के ग्राम थांवरी में मकर सक्रांति पर मामा के यहां आया 10 वर्षीय मासूम दीपक रजक पिता सतीश रजक निवासी पटना बुजुर्ग तहसील रहली को समय करंट लग गया जब गांव की महिलाएं नल जल योजना के बोरसे पानी भर रही थी तभी पास में लगे बिजली के स्टार्टर से मासूम दीपक को करंट लग गया और वह झुलस गया।
मासूम के मामा नेत्र आज रजक ने बताया कि करंट लगने के बाद 108 एंबुलेंस को फोन लगाया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सकी इसके बाद गंभीर हालत में जान बचाने के लिए मासूम को देवरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां पर एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था जिससे समय पर इलाज इलाज नहीं हो सका बीएमओ डॉ अर्चना शरण को कॉल पर बुलाया गया तो वह करीब 20 मिनट लेट पहुंची तब तक मासूम दीपक ने अस्पताल की चौखट पर ही दम तोड़ दिया।
मृतक मासूम के पिता सतीश रजक ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की लापरवाही से उनके मासूम बेटे की मौत हो गई यदि अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध होते तो समय से इलाज हो जाता और मेरे बेटे की जान बच सकती थी उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर वार्ड डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है।
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