संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
कोविड काल में वैसे तो हर व्यक्ति प्रभावित हुआ है, इस दौर मैं हुये नुकसान की भरपाई होना असंभव है किंतु सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर हुआ है। बच्चे भारत की आबादी का 40 वां हिस्सा हैं। संयुक्त राष्ट्र के जनरल सेक्रेटरी जनरल अंटोनिया गुटेरेस ने हाल में कहा था, भले ही बच्चे कोविड महामारी का चेहरा नहीं हैं लेकिन सबसे बड़े शिकार हैं, यह बात श्री श्रीप्रकाश सिह निमराजे द्वारा विश्व युवा दिवस पर आयोजित कोविड तथा बाल अधिकार पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस में बाल अधिकार संरक्षण के लिए कार्यरत जिले के सभी के कार्यकर्ताओ एवं सजग युवाओं ने भाग लिया। कोविड -19 के दौरान बच्चों के सामने आई विशेष चुनौतीयों पर प्रकाश डाला गया और समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला गया और समाज की भूमिका को उजागर किया गया।
कार्यक्रम में गोपाल किरन समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष व जिला संयोजक श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कहा कि हिंसा और उत्पीड़न के जख्म बच्चों को जीवन भर पीड़ा देते हैं, इसे रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए और अपनी क्षमताओं के अनुसार उन्हें मिटाने का प्रयास करना चाहिये। देश की सबसे बड़ी समस्या जातिवाद है जिससे सभी प्रभावित हैं। इसको खत्म करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है। श्री पंकज उचवाल ने किशोरों की विभिन्न शंकाओं का समाधान किया। आंकाक्षा ने कोविड से बचाव के संबध में जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक वेक्सीनेशन के लिये सिर्फ आधार कार्ड की जरूरत होती थी अब स्कूल का फोटोयुक्त परिचय पत्र को भी मान्य किया जाने लगा है। बच्चों की शिक्षा को लेकर जानकारी दी। कार्यक्रम में कई प्रमुख लोगों ने भाग लिया।
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