हिमांशु सक्सेना, ग्वालियर (मप्र), NIT:
विश्व प्रसिद्ध शनि देव मंदिर का कायाकल्प किया जाएगा। मुरैना जिले के ऐंती गाँव की सुरम्य पहाड़ी पर स्थित शनि देव मंदिर परिसर को बड़े धार्मिक एवं पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाये्गा। केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री एवं मुरैना के सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस दिशा में पहल की है। श्री तोमर इस सिलसिले में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शुक्रवार को शनिदेव मंदिर परिसर पहुँचे और मंदिर के जीर्णोद्धार और विकास के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की।
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर के साथ कलेक्टर मुरैना श्री बी कार्तिकेयन, जिला पंचायत मुरैना के कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन कुमार सिंह तथा मुरैना के पूर्व कलेक्टर श्री विनोद शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शनिदेव मंदिर पहुँचे थे।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर चाहते हैं कि यह मंदिर धार्मिक और पर्यटन का एक बड़ा केंद्र के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो इसी को दृष्टिगत रखकर मंदिर के विकास की योजना बनाई गई है। शनिदेव मंदिर को भव्य रूप देकर इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए मुरैना जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
शनिदेव मंदिर परिसर को भव्य रूप देने के लिए मंदिर में शनि परिक्रमा मार्ग के साथ- साथ शनि सरोवर और शनि कुंड का निर्माण किया जाएगा । मंदिर के विकास को दो हिस्सों में बांटा गया है एक आंतरिक और दूसरा बाहरी विकास। आंतरिक विकास के तहत मंदिर परिसर के भीतर अत्याधुनिक तरीके से विकास कार्य कराएँ जाऐंगे। इसी तरह बाहरी विकास के तहत परिक्रमा मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत बिजली सड़क कनेक्टिविटी के अलावा परिक्रमा मार्ग में जन सुविधाएं, दुकानें और खानपान की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी ना आए। जिसमे परिक्रमा मार्ग सहित प्रस्तावित अन्य विकास कार्यों का केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने शुक्रवार को निरीक्षण भी किया।
वर्तमान में शनि मंदिर के दो परिक्रमा मार्ग हैं। एक 6 किलोमीटर दायरे में है जबकि दूसरा परिक्रमा मार्ग 21 किलोमीटर लंबा है। परिक्रमा मार्गों का नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है। लगभग 21 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग में अन्य मंदिर भी हैं, जिनका भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग के दोनों ओर पौधरोपण के कार्य को भी जीर्णोद्धार योजना में शामिल किया गया है। इस शनि मंदिर की गिनती देश के प्राचीन शनि मंदिरों में होती है। यही नहीं इस मंदिर का धार्मिक महत्व भी है लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है।
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