लोकार्पण के 5 सप्ताह में क्षतिग्रस्त हुआ 775 लाख से निर्मित एसडीएम कार्यालय भवन, गिरने लगा मेटेरियल तो लगाये बैरीकेट, प्रशासन की नाक तले भर्राशाही गुणवत्ता पर सवाल | New India Times

राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

लोकार्पण के 5 सप्ताह में क्षतिग्रस्त हुआ 775 लाख से निर्मित एसडीएम कार्यालय भवन, गिरने लगा मेटेरियल तो लगाये बैरीकेट, प्रशासन की नाक तले भर्राशाही गुणवत्ता पर सवाल | New India Times

सागर जिले में अब तक सबसे अधिक लागत से निर्मित हुए सरकारी कार्यालय भवनों में शुमार देवरी एसडीएम कार्यालय की 775 लाख लागत की बिल्डिंग अपने लोकार्पण के 5 सप्ताह बाद ही क्षतिग्रस्त हो चुकी है। भवन के पश्चिमी कोने के क्षतिग्रस्त होकर मेटेरियल गिरने के कारण उक्त स्थल की बेरिकेटिंग की गई है। मामले में एसडीएम देवरी द्वारा निर्माण विभाग पीआईयू को पत्र लिखने की बात की गई है परंतु प्रशासन की नाक तले हुए
इस गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को लेकर जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।

लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई सागर द्वारा देवरी एवं केसली विकासखण्ड में कराये गये लगभग 16 करोड़ लागत के निर्माण कार्यो में भारी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं जिनकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है। प्रदेश में लोकनिर्माण विभाग के निर्माण कार्यो की क्वालिटी और मेंटनेंस पर नजर रखने के लिए गठित की गई पीआईयू के अपने ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता और मापदण्डों का आभाव विभाग पर सवालिया निशान है।

देवरी अनुविभागीय मुख्यालय पर नवीन एसडीएम सह राजस्व कार्यालय भवन का निर्माण कार्य 775 लाख रूपये लागत
से लोकनिर्माण विभाग की पीआईयू शाखा द्वारा वर्ष 2019 में आरंभ किया गया था। जिसके पूर्ण होने पर विगत 25 नवम्बर 2021 को उसका लोकार्पण केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों के आतिथ्य में कराया गया था। सागर जिले के संभवतः सबसे बड़े सरकारी कार्यालय भवन को लेकर संबंधित विभाग एवं शासन प्रशासन द्वारा बड़े बड़े दावे किए जा रहे थे। नव निर्मित भवन के चित्र भी कई अधिकारियों द्वारा ट्वीटर हेंडिल से शेयर किए गये थे
परंतु यह सरकारी उल्लास महज 5 सप्ताह तक ही कायम रहा और भवन क्षतिग्रस्त होने की घटना सामने आई है।
दरअसल कार्यालय के लोकार्पण के दौरान ही भवन के छत के एक हिस्से में चल रहे मरम्मत कार्यो को लेकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी। परंतु भवन को बड़ी उपलब्धि और गुणवत्ता का शहकार मान रहे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया।

भवन के पूर्वी कोने में आई दरारें तो कराई गई बेरिकेटिंग

विगत गुरूवार एवं शुक्रवार रात्रि हल्की बूंदाबूंदी और सीलन में ही भवन निर्माण में हुई गड़बड़ियां सामने आ गईं। सुबह जब कार्यालयीन अमला आफिस पहुँचा तो भवन के पूर्वी कोने में बड़ी बड़ी दरारे दिखाई दीं साथ ही भवन के ऊपरी हिस्से से गिर रहे कांक्रीट से दुर्घटना की आशंका के चलते अधिकारियों द्वारा उक्त स्थल की बेरीकेटिंग कराई गई ताकि कोई शिकार न हो। इस संबंध में एसडीएम देवरी द्वारा पीआईयू के अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जांच एवं कार्रवाई की बात की जा रही है। एसडीएम सी.एल. वर्मा का कहना है कि लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से बैरीकेटिंग कराई गई है, मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाकर स्थिति से अवगत कराया जायेगा।

विभाग के अधिकारियों ने दी नई थ्यौरी, फ्लाई ऐश के कारण आई दरारें

शासन के 775 लाख रूपये संदिग्ध निर्माण कार्य झोंक देने के बाद मामले को लेकर विभाग के अधिकारी एक नई थ्यौरी प्रतिपादित कर रहे हैं। भारी भरकम राशि से बनी बिल्डिंग के महज 5 सप्ताह में क्षतिग्रस्त होने के संबंध में जब पीआईयू के एसडीओ यू.सी. यादव से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि भवन के निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स का इस्तेमाल किए जाने के कारण दरारे आ रही हैं, ऐसी शिकायत विभाग को सागर एवं कटनी जिले में प्राप्त हुई है।
उनका कहना कि इस संबंध में विभाग द्वारा अभिमत मांगा गया था जिसके संबंध में स्थिति से अवगत कराया गया था।
निर्माण खामियों के बाद भी फ्लाईऐश ब्रिक्स इस्तेमाल किये जाने के संबंध में श्री यादव का कहना है कि विभाग सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण इसे बैन नहीं कर पा रहा है, उनका कहना है कि कोर्ट द्वारा बीना रिफायनरी को लेकर दिये गये एक आदेश में रिफायनरी के 30 वर्ग किलोमीटर में फ्लाईऐश ब्रिक्स के इस्तेमाल की बात की गई थी। रिफायनरी में लगातार ऐश एकत्र होने के कारण उसके पहाड़ बन गये है जिसका इस्तेमाल ब्रिक्स निर्माण में किया जाता है।
निर्माण की गुणवत्ता और स्थिति के संबंध में उनका कहना है निर्माण ऐजेंसी ठेकेदार से 2 दिन में मरम्मत कार्य आरंभ करने को कहा गया है। आवश्यकता हुई तो उक्त पोर्सन को तोड़कर नया बनवा देंगे। विभाग की अपने प्रॉक्लन एवं मापदण्डों सहित निगरानी में होने वाले इस निर्माण कार्य में गड़बड़ी विभाग की अपनी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है। भवन की छत, दीवारों एवं फर्श में भी कई जगह निर्माण खामिया सामने आई हैं, ठेका ऐजेंसी द्वारा कराये गये इस कार्य में तय मानदण्डों के पालन में असफल साबित हुआ विभाग अब लीपापोती के लिए मरम्मत की बात कर रहा है।

श्रेय लेने लोकार्पण में हुई राजनैतिक रस्साकशी पर निर्माण पर चुप्पी

कांग्रेस एवं भाजपा शासन में निर्मित हुए इस एसडीएम भवन के निर्माण के श्रेय को लेने के लिए लोकार्पण के दौरान जमकर राजनैतिक रस्साकशी सामने आई थी। कई दिनो तक चले इसे हाई वोल्टेज ड्रामे में अतिथि चयन से लेकर आमंत्रण पत्र, बेनर और लोकार्पण शिला पर नामों को लेकर भी जोर अजमाइश जारी रही। परंतु विपुल सरकारी धन से हुए इस संदिग्ध निर्माण को लेकर दोनों पार्टिया चुप्पी साधे हुए हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों, क्षेत्रीय विधायक सहित सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारियों की उपस्थिति में हुए इस लोकार्पण के 5 सप्ताह बाद ही भवन का
क्षतिग्रस्त होना विभाग की कार्यप्रणाली के साथ श्रेय की होड़ में लगे राजनेताओं पर भी सवालिया निशान है।
क्षेत्र में लोकनिर्माण विभाग के पीआईयू शाखा द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यो में गड़बड़ियों की लगातार शिकायतों के बाद भी शासन प्रशासन की चुप्पी संदिग्ध है। विभाग के घटिया निर्माण का यह पहला मामला नहीं है इससे पूर्व विभाग द्वारा नगर में निर्मित इंडोर स्टेडियम की दीवारे एवं फर्श जर्जर होने का मामला सामने आया था परंतु विभाग द्वारा उक्त मामले में मरम्मत का दिखावा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जिसके कारण उसकी स्थिति बदतर बनी हुई है।

पीआईयू के निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग

लोकार्पण के 5 सप्ताह में क्षतिग्रस्त हुआ 775 लाख से निर्मित एसडीएम कार्यालय भवन, गिरने लगा मेटेरियल तो लगाये बैरीकेट, प्रशासन की नाक तले भर्राशाही गुणवत्ता पर सवाल | New India Times

लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यो की क्वालिटी और मेंटनेंस पर नजर रखने के गठित की गई पीआईयू के ही निर्माण कार्य ही सवालों के दायरे में है। क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री हर्ष यादव द्वारा विभाग के निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। श्री यादव का कहना है कि देवरी एवं केसली विकास खण्ड में लोकनिर्माण विभाग की पीआईयू ईकाई द्वारा कराये गये निर्माण कार्यो में भारी गड़बड़ी की गई है जिसकी शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विभागीय मंत्री श्री गोपाल भागर्व एवं विभाग के प्रमुख सचिव को पूर्व में ही पत्र लिखकर मामले से अगवत कराकर जांच की मांग की गई है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading