लकड़ी से भरे ट्रक ने ऑटो को मारी टक्कर, 2 की मौत, 12 घायल | New India Times

नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

लकड़ी से भरे ट्रक ने ऑटो को मारी टक्कर, 2 की मौत, 12 घायल | New India Times

जामनेर से लगभग 5 किमी दूर भुसावल सड़क पर एक लकड़ी से भरे ट्रक ने सामने से आ रही प्रवासी ऑटो को टक्कर मार दी जिसमे 2 लोगो की मौत हो गई और अन्य 12 लोग घायल हो गये.

जामनेर से भुसावल की ओर लकड़ी भर कर जा रही मिनी ट्रक MH 21 – 6045 ने भुसावल से जामनेर आ रही यात्री ऑटो MH 10 AE 9158 को गारखेड़ा गांव के समीप सामने से टक्कर मार दी जिससे ऑटो में सवार प्रवासियों में से 2 लोगों की घटना स्थल पर मौत हो गई वही 1 की हालत काफी गंभीर बताई गई अन्य 12 लोग घायल हो गए हैं. मौके पर मौजूद राहगीरों ने तत्काल एंबुलेंस को बुला कर पीड़ितों को सरकारी अस्पताल रेफर कराया.

लकड़े का अवैध यातायात?
मिनी ट्रक में इंधन लकड़ा भरा हुआ था जिसका इस्तेमाल ईंट भट्टों तथा अन्य उद्योगों के लिए किया जाता है. अमूमन इंधन लकड़ा किसानों के निजी खेतों से काटा जाता है जिसके यातायात के लिए वन विभाग की ओर से कानूनी मानकों को पूरा करते हुए पासेस इशू किए जाते हैं. पासेस जारी करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी होती है जैसा कि रेकॉर्ड के लिए दिनभर में एक वाहन को अगर 3 पास जारी किए गए हैं तो उस पास पर उससे अधिक का लकड़ा वहन किया जाता है. इस झोल से वन विभाग के कर्मी अपनी जेब गर्म कर लेते हैं. इस लिए अधिकतर वाहनों में लकड़े को ढककर चोरी छिपे ढोया जाता है ताकी टैक्स चोरी और प्राकृतिक संसाधन के दोहन की कोशिश पकड़ी न जाएं. ये वाहन शहर से पास होते ही अपने गंतव्य तक जाने के लिए तेज तर्रार गती से चलाए जाते हैं. उक्त दुर्घटना भी इसी धांधली के कारण हुई है जिसमें मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. यही मामला चोरी से रेत को धोने वाले डम्पर पर लागू होता है. गिरणा नदी से रेत को कवरिंग कर शहर में रात के 10 बजे के बाद डंपर में लाया जाता है, राजस्व विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए चालक डंपरों को हवाई जहाज जैसा चलाते हैं. अभूतपूर्व फोरलेन यानी मुख्य सड़क पर पथ निर्माण विभाग के गैर जिम्मेदारी के चलते गतिरोधक नहीं होने के कारण राहगीरों की जान हमेशा खतरे में रहती है.


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