राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी कृषि उपज मंडी इन दिनों अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है. किसानों के हितों के उद्देश्य को लेकर संचालित कृषि उपज मंडी समिति देवरी से ना तो किसानों को लाभ मिल पा रहा है ना ही शासन के नियमों का पालन किया जा रहा है. देवरी कृषि उपज मंडी में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं. देवरी मंडी में अनियमितताओं की बात करें तो विगत लंबे समय से किसानों की सब्जी मंडी कृषि उपज मंडी में ही संचालित की जा रही है जहां किसान अपनी सब्जी लेकर आते हैं और डाक नीलामी के माध्यम से विक्रय करते हैं। जिसमें कर्मचारियों द्वारा मण्डी गेट शुल्क के नाम से सब्जी विक्रेता किसानों और सब्जी खरीदारों से मनमाने पैसों की वसूली की जाती है जिसकी ना तो रसीद दी जाती है ना ही कोई निर्धारित शुल्क तय किया गया है. देवरी मंडी द्वारा किसानों और सब्जी विक्रेताओं से खुली लूट की आ रही है वहीं कृषि उपज मंडी में पदस्थ सचिव माधव पटेरिया ऑफिस से नदारद रहते हैं। जानकारी के अनुसार मंडी सचिव मुख्यालय स्थल पर ना रहकर अन्य जगह निवास स्थान पर रहते हैं जो अप डाउन करते कभी भी देखे जा सकते हैं. ज्यादातर ऑफिस में महोदय की कुर्सी खाली ही देखी जाती है. स्थानीय मीडिया कर्मियों के द्वारा समस्याओं को लेकर जब उनसे संपर्क करना चाहा तो वह ऑफिस में नहीं देखे गए बल्कि उनकी खाली कुर्सी ही नजर आई वहीँ फोन पर संपर्क करने पर महोदय के द्वारा फोन भी नहीं उठाया जाता. इस प्रकार से अधिकारी भी समस्याओं को लेकर जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं और एक जिम्मेदार अधिकारी के ना रहने से मंडी की व्यवस्थाएं राम भरोसे चल रही हैं।
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