संयुक्त संचालक लोकशिक्षण सागर द्वारा ली गई NAS की कार्यशाला बन कर रह गई दिखावा, कार्य शाला के दौरान पत्रकारों के प्रश्नों पर भड़ककर आपा खो बैठे संयुक्त संचालक | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

संयुक्त संचालक लोकशिक्षण सागर द्वारा ली गई NAS की कार्यशाला बन कर रह गई दिखावा, कार्य शाला के दौरान पत्रकारों के प्रश्नों पर भड़ककर आपा खो बैठे संयुक्त संचालक | New India Times

मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाये जा रहे एन ए एस प्रोग्राम के संबद्ध में देवरी में गुरुवार को सागर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ मनीष वर्मा द्वारा कार्यशाला का मोडर्न इंटरनेशनल स्कूल देवरी में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें बहुत सारी अव्यवस्थाएं देखने को मिली जिसमें शिक्षकों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी तथा साउंड की व्यवस्था ठीक नहीं थी जिसके कारण सामने के लोगों को ज्यादा दूरी होने के कारण कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वहीं पीछे बैठे शिक्षक गण यहां वहां देखते हुए नजर आ रहे थे व देवरी के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विकास खंड स्रोत समन्वयक का इस ओर कोई ध्यान भी नहीं जा रहा था. पूरे प्रशिक्षण समय लोग समय व्यतीत करते हुए नजर आ रहे थे. वहीं शिक्षकों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था की शासन का एन ए एस प्रशिक्षण कार्यशाला देवरी में दिखावा बनकर रह गई है व देवरी ब्लॉक अधिकारियों के साथ संभाग अधिकारी भी दिखावा मात्र के लिए प्रशिक्षण देते नजर आए. वहीं प्रशिक्षण समापन के पश्चात जब देवरी के पत्रकारों द्वारा कार्यशाला के संबंध में संयुक्त संचालक से प्रश्न किए तो जवाब देने से साफ मना कर दिया. वहीं दूसरी ओर देवरी तहसील में शिक्षा विभाग में किए जा रहे फर्जीवाड़े एवं अनियमितताओं को लेकर व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों का सीधा उल्लंघन करने संबंधी आदि जानकारी के बारे में बात की गई तो संयुक्त संचालक महोदय भड़ककर अपना आपा खो बैठे और सीधे पत्रकारों से ही अभद्रता करते हुए उन्होंने सभी प्रश्नों का उत्तर देने से इंकार कर दिया व भड़कते हुए कहने लगे यदि जिला शिक्षा अधिकारी ने अनिमितता व फर्जीवाड़ा किया है तो उनसे ही जानकारी लो मैं उन पर न कोई कार्यवाही करने का अधिकार रखता हूं न ही मैं उनसे कुछ बोल सकता हूँ, यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. यदि पहले पता होता आप लोग फर्जीवाड़े व अनिमितता के बारे में मुझसे बात करोगे तो में आप लोगों से बात करने की परमीशन भी कतई नहीं देता. मतलब महोदय जी की बात चीत से स्पष्ट नजर आ रहा है कि महोदय जी शिक्षा विभाग की लापरवाहियों पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं व पूरे मामले में जानकारी होने के बाद भी नजरअंदाज कर रहे हैं, इससे संयुक्त संचालक की मानसिकता का पता लग रहा है कि वह अपनी जिम्मेदारियों को भूल कर शिक्षा विभाग के अनिमियताओं को ही छुपा कर सहयोग करते नजर आ रहे हैं. क्या इन लापरवाहियों पर सागर जिले के तीन मंत्रियों के साथ प्रभारी मंत्री व शिक्षा मंत्री कोई कार्यवाही करायेंगे या वे लोग भी अपनी जिम्मेदारी भूल कर चुप्पी साधकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर विपक्ष को बोलने का मौका देंगे?


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading