चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अन्तर्गत आईटीबीपी जवानों ने निकाली साइकिल रैली | New India Times

मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:

चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अन्तर्गत आईटीबीपी जवानों ने निकाली साइकिल रैली | New India Times

देश की सीमाओं की सतत् सुरक्षा करने लिए हमारा सैन्य बल तत्पर्य है, जब हम अपने घरों में चैन से कार्य कर रहे होते हैं उस समय हमारे जवान हमारी सीमाओं को बाह्य आक्रमण से बचाने के लिए, दूसरे शत्रु देशों के षडयंत्र से बचाने के लिए, कार्य कर रहे होते हैं। जब कभी देश आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा होता है, चाहे वह छुट-पुट आतंकवाद की घटनाएं हों या दैवी आपदाओं से सम्बनिधत घटनाएं हों उस समय जरूरत पड़ने पर हम अपने सैन्य बलों का प्रयोग करते हैं। यह बात जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने गांधी भवन में आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अन्तर्गत आई0टी0बी0पी0 जवानों की साइकिल रैली के स्वागत के दौरान कही।

इस अवसर पर शहीद उद्यान पार्क स्थित आईटीबीपी के जवानों का राष्ट्रभक्ति नारों के साथ पुष्प वर्षा करते हुए माल्यर्पण कर स्वागत किया गया। इसी मौके पर आई0टी0बी0पी0 के जवानों एवं अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से अमर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। इसी के साथ ही आई0टी0बी0पी0 के जवानों एवं अधिकारियों द्वारा शहीद पार्क में संयुक्त रूप से वृक्षारोपण किया गया।

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक एस आनन्द, नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम सेवक द्विवेदी, नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार आदि द्वारा संयुक्त रूप से आई0टी0बी0पी0 के जवानों को अमर शहीदों का समृति चिन्ह भेंट किया गया। इस मौके पर सुदामा प्रसाद एवं गुरू नानक विद्यालय के छात्रों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती की गयी।

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने गांधी भवन सभागार में सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर को हमारे राष्ट्र पिता गांधी जी का जन्म दिवस होगा, जो आजादी का अमृत महोत्सव के साथ जुड़ा हुआ होगा। कहा कि आई0टी0बी0पी0 का दल अरूणांचल प्रदेश से चला है, जो उगते हुए सूरज के प्रदेश से चलकर सूरज की तपती हुई धरती शाहजहांपुर में पधारें है। आई0टी0बी0पी0 के जवानों द्वार बहुत श्रम तरीके से साइकिल से यात्रा करते हुए यहां पधारें है। जवानों द्वारा एक दिन में लगभग 100 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की गयी है। दो अक्टूबर को राज घाट दिल्ली में राष्ट्र पिता माहात्मा गांधी जी की समाधि स्थल पर पहंुच कर उनकों नमन करेंगे।

सिंह ने कहा कि देश की सेवा करने का मतलब यह नहीं है कि हम शरहद पर खडे़ होकर देश की सेवा करें। देश की सेवा वहां पर भी की जा सकती है, जहां पर हम तैनात है और जहां पर हम कार्य कर रहें है एवं जहां के हम निवासी है। वहां पर भी रह कर देश की सेवा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे सैनिक विषम परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर तैनात होकर देश की सेवा कर सकते है, तो हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि अपने गांव, अपने शहर, अपने कार्य क्षेत्र में तैनात रहकर अपने देश समाज को बनाने की दिशा में कार्य कर सकते है। कार्याकम का संचालन इन्दु अजनबी द्वारा किया गया। इस मौक पर अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


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