रहीम शेरानी हिदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुमित्रा राजु मेडा ने कहा कि कोरोना काल संक्रमण बीमारी के चलते प्रशासन ने 10 मई तक लॉक डाउन लगा रखा है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति चाहे महिला हों या पुरुष उनके लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है. सबसे ज्यादा परेशानी इन ग्रामीण गरीब लोगों को महिला समूह के लोन की किस्त चुकाने में आ रही है क्योंकि ग्रामीण लोग अभी अपने घरों में ही बैठे हुए हैं, रोजगार का कोई भी साधन ना होने के कारण ग्रामीण समूह महिलाओं ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जब तक लॉक डाउन ना खुल जाए तब तक इन महिला समूह की किस्ते लेने वाली कंपनियां जैसे बंधन बैंक स्वतंत्र माइक्रो फाइनेंस स्पंदना बजाज फाइनेंस ग्रामीण कोटा, और भी कई प्रकार की कंपनियां जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लोन बांट रखा है इन सभी कंपनियों के लिए प्रशासन आदेश निकाले की अभी महिलाओ के समूह के लोन की किस्ते लेने नहीनहीं जाएं क्योंकि अभी लॉक डाउन लगा हुआ है और घर का खर्च चलाने में भी महिलाओं को समस्याएं आ रही हैं ऐसे में समूह लोन के यह कर्मचारी महिलाओं से लोन के पैसे लेने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं और महिलाओं द्वारा लोन किस्त नहीं भरने पर उससे ब्याज दर भी कहीं अधिक लिया जा रहा है जिसकी वजह से अधिकांश महिलाएं टेंशन में हैं और टेंशन में होने की वजह से परिवार में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है इसलिए प्रशासन से इन महिला समूह की महिलाओं का अनुरोध है की फिल्हाल लॉक डाउन के समय इन कंपनियों को उनकी लोन की किस्ते लेने से रोका जाए.
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