कैट की मांग को क्रायसिस मैनेजमेंट के सदस्यों ने दी अपनी सहमति | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

कैट की मांग को क्रायसिस मैनेजमेंट के सदस्यों ने दी अपनी सहमति | New India Times

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के साथ प्रारंभ हुई। इस बैठक में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, जिला पंचायत अध्यक्ष मनीषा भुजवल सिंह, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, भारतीय जनता पार्टी के कमल माखीजानी, ग्रामीण अध्यक्ष कौशल शर्मा, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, रामवरन सिंह, मुन्नालाल गोयल, भाजपा के प्रदेश मंत्री मदन कुशवाह, शहर कांग्रेस के कार्यकारिणी अध्यक्ष महाराज सिंह पटेल सहित अनेक सदस्यों ने कैट के द्वारा उठाई गई. व्यापारिक मांगों पर अपनी सहमति व्यक्त की और अब एक राय से विवाह समारोह शाम 6 बजे तक 200 लोगों की अधिकतम संख्या के साथ किये जा सकेंगे। शादी के मुहूर्त के समय पर भी सीमित संख्या मे परिजन रह सकेंगे। रेस्टॉरेन्ट भी अब अपनी क्षमता के 30 प्रतिशत के साथ संचालित हो सकेंगे, जो बैठकर खाना खिला सकेंगे और जिम संचालकों की मांग को भी एक समय में 5 सदस्य और सैनेटाइज के बाद दूसरे बैच को लगाने में सदस्यों ने अपनी सहमति दी है।
कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने क्रायसिस मैनेजमेंट के समक्ष व्यापारियों की मांग रखी, जिस पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने माननीय मुख्यमंत्री जी को इन सब बातों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब हमें निर्णय लेने को डी-सेन्ट्रलाईज करना होगा और स्थानीय क्रायसिस मैनेजमेंट बैठकर निर्णय कर सकेगा। इसी के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर व्यापारिक संगठनों के कोर्डिनेटर कृष्ण बिहारी गोयल, गार्डन एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.पी. माहेश्वरी, महामंत्री रामकुमार सिकरवार, रेस्टॉरेन्ट की ओर से अर्चित अग्रवाल, जिम संचालकों के अध्यक्ष जॉय बनर्जी आदि ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर क्रायसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्यों का धन्यवाद माना। कलेक्टर ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आश्वस्त किया है कि शीघ्र वे इसका आदेश निकालेंगे और शासकीय आदेश जारी होने के बाद यह प्रक्रिया प्रारंभ होगी। कैट ने इसके लिए क्रायसिस मैनेजमेंट के सभी सदस्यों का आभार और धन्यवाद माना है।

By nit

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading