मेहलका इकबाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव, अमीरे शरियत इमारत ए शरिया बिहार, उड़ीसा, झारखंड, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस्लामी विचारक, पूर्व विधान परिषद सदस्य हजरत मौलाना वली रहमानी के निधन पर उनकी पुरानी यादों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में पुरनम आंखों से याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दारुल उलूम शेख अली मुत्तकी, आदिल पुरा बुरहानपुर के मुख्य संचालक मुफ्ती रहमतुल्लाह कासमी ने बताया कि दिवंगत बुरहानपुर की धार्मिक संस्थान दारुल उलूम शेख अली मुत्तकी की स्थापना से ही मुख्य संरक्षक थे। मुफ्ती रहमतुल्लाह कासमी ने बताया कि हमारे मदरसे की धार्मिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन दिवंगत अमीरे शरीयत के मार्गदर्शन अनुसार संपन्न होता था, इसके अतिरिक्त सामाजिक सुधार का कार्य भी उनके कुशल मार्गदर्शन में संपन्न होता था। प्राचीन धार्मिक संस्थान मदरसा फैजुल उलूम के पूर्व अध्यक्ष हाजी सईद अहमद सेठ ने बताया कि दिवंगत अमीरे शरियत बुरहानपुर के मदरसा फैजुल उलूम, दारुल उलूम शेख अली मुत्तकी सहित नगर के विभिन्न कार्यक्रमों में शरीक होने के लिए तीन से चार बार बुरहानपुर पधार चुके हैं। उनके बुरहानपुर आगमन के अवसर पर भारी संख्या में यहां मुरीद हुए हैं जिनमें मुफ्ती रहमतुल्लाह कासमी और हाजी अब्दुल सलाम चौहान का नाम प्रमुख है। उनके बुरहानपुर आगमन के अवसर पर उन्होंने मुस्लिम समाज के तत्कालीन अग्रणी हाजी अमीनुल्लाह मियां सेठ, हाजी सईद अहमद सेठ और इकबाल अंसारी आईना के निवेदन पर उनके निवास पर जाकर अपना शुभ आशीर्वाद उन्हें दे चुके हैं। अमीरे शरियत के निधन पर शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के मुतवल्ली सैयद तलत तमजीद बाबा मियां, वरिष्ठ मुफ्ती मोहम्मद अली कासमी, मुफ्ती रहमतुल्लाह कासमी,मुफ्ती अंसार अहमद कासमी, मौलाना सलीम गिन्नौरी, हाफिज हकीमुद्दीन रहमानी, मौलवी नदीम बेग, मदरसा फैजुल उलूम की ओर से इकराम अंसारी गब्बू सेठ, जामिया आयशा सिद्दीका की ओर से हाजी मलिक सेठ मालेगाव वाले, हाजी सैयद फरीद सेठ, हाजी तहसीन जिया, हाजी मोहम्मद अकरम बागबान, शाह परवेज़ सलामत, डॉक्टर एसएम तारीक, एजाज़ खान भैया मैकेनिक, हाजी मतीन अजमल,मोहम्मद अली बहादरपुर, मुफ्ती मोहम्मद अजहर मुत्तकी, हाफिज मोहम्मद जुबेर, मुफ्ती अब्दुल रहमान, मौलाना अब्दुल रहमान, मौलाना सईद अहमद कासमी, हाफिज अंसार अहमद मस्जिद नेमतुल्लाह शाह, हाफिज मोहम्मद अख्तर दारुल उलूम बुरहानिया, मौलाना इकबाल फैजी, मौलाना इकबाल कासमी, हर्फ हर्फ आईना सोसायटी के अध्यक्ष इकबाल अंसारी आईना, डॉक्टर जलील बुरहानपुरी आदि ने इस निधन को भारतीय मुस्लिमों के लिए एक बड़ी और अपूरणीय क्षति बताते हुए दुआ की है कि अल्लाह अमीरे शरियत के आखिरत में दर्जा बुलंद फरमाएं और भारतीय मुसलमानों को इसका बेहतरीन विकल्प अता फरमाए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.