राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में जहाँ कुछ अचानक बने सेठ सामाजिक सिस्टम को धता बताने को ही अपनी शान समझने लगे हैं वहीं अनेक युवा संगठन शादी को शादगी के साथ कराने की मुहिम को सफल करने में हैं प्रयासरत | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में जहाँ कुछ अचानक बने सेठ सामाजिक सिस्टम को धता बताने को ही अपनी शान समझने लगे हैं वहीं अनेक युवा संगठन शादी को शादगी के साथ कराने की मुहिम को सफल करने में हैं प्रयासरत | New India Times

हालांकि वैसे तो पुरे राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में शादियों मे फिजूल खर्च को रोककर बचे धन को शिक्षा पर उपयोग करने के अभियान मे लगे अनेक युवा व सामाजिक संगठनों की कोशिशों के बावजूद इजी मनी आने से अचानक बने कुछ कथित सेठ इस नेक अभियान के विपरीत शादियों पर लाखों रुपये आतिशबाजी व अन्य अनावश्यक रियायतों पर फिजुल खर्च करने के अलावा ऐसे ऊल जूलूल रस्मों व रिवाजों के साथ साथ डीजे-बाजा एवं अनावश्यक नये रिवाज बनाने में खर्च करने को ही अपनी शान समझने लगे हैं।
खासतौर पर प्रदेश के शेखावाटी जनपद के मुस्लिम समुदाय में कथित तौर पर इजी मनी आने से अचानक बने सेठों में लड़के की शादी में जब दुल्हा अपनी दुल्हन को लेकर घर आता है तो बडी तादाद में आतिशबाजी करने का चलन शुरू हो चुका। पिछले दिनों सीकर जिले में एक कथित सेठ के लड़के की शादी में दुल्हा जब दुल्हन लेकर देर रात घर लौटा तो जमकर लाखों रुपयों वाली आतिशबाजी की गई। अचानक देररात काफी समय तक इस तरह आतिशबाजी होने से नींद में सोये हुये गांववासी जाग गये और उनको एकदफा तो माजरा समझ में नहीं आया कि यह हो क्या रहा है लेकिन पूछताछ करने पर पता लगा कि सेठ की दहलीज पर दुल्हन द्वारा पहली दफा कदम रखने की खुशी में यह भंयकर रुप से आतिशबाजी की जा रही है।

राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में जहाँ कुछ अचानक बने सेठ सामाजिक सिस्टम को धता बताने को ही अपनी शान समझने लगे हैं वहीं अनेक युवा संगठन शादी को शादगी के साथ कराने की मुहिम को सफल करने में हैं प्रयासरत | New India Times

उपरोक्त होती आतिशबाजी के अलावा पीछले दिनों एक शादी अलग तरह की भी देखने को मिली कि बारात में जाकर डुकाव के समय दुल्हे को घोड़ी पर बैठाकर पंजाब के नामी बैंड की धून के साथ जब मांडा की तरफ ले जाया जा रहा था तब साथ में करीब तीन दर्जन अन्य सफेद ही सफेद रंग की गोड़ी भी साथ चल रही थी। बारात व भात में हजारों लोगों ने शिरकत की। आतिशबाजी भी जमकर हुई। उक्त शादी में पैसा पानी की तरह बहाया गया बताते हैं।
इजी मनी आने से अचानक बने सेठों द्वारा शादियों में खुलकर फिजुल खर्चा करने का रिकॉर्ड क्षेत्र में अक्सर टूटने लगा है। वहीं क्षेत्र की KKYB नामक युवा संगठन सहित अन्य संगठनों की कोशिशों का परिणाम भी सुखद आ रहा है कि उनकी अपील व समझाईश से अधिकांश शादियां सादगी के साथ होने लगी हैं। काफी रियायतों व फिजूल खर्च वाले रिवाजों को छोड़कर सादगी के साथ शादियां होने का सिलसीला भी तेजी के साथ परवान चढने लगा है। फिजुल खर्च को रोकने से जो बचत होती है उसको शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करने की आदत में दिन ब दिन इजाफा होने लगा है। KKYB की उक्त सामाजिक सुधार व तरक्की की मुहिम चाहे बडे स्तर पर बदलाव नहीं ला पाई हो लेकिन फिर भी काफी बदलाव लाने की गाडी पटरी पर दौड़ाने में वो कामयाब होते नजर आ रहे हैं। फिजुल खर्च रोककर होने वाली बचत का शिक्षा पर खर्च होने से क्षेत्र के लडके व लड़कियां बडी तादाद में चिकित्सक व इंजीनियर के साथ साथ शिक्षक बनते नजर आ रहे हैं।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान भर के साथ साथ शेखावाटी जनपद में कार्यरत KKYB सहित अनेक युवा संगठन मुस्लिम समुदाय में शादियों में होने वाले फिजुल खर्च को तिलांजलि देकर शादगी के साथ शादियाँ करने की समझाईश में लगातार प्रयासरत करने में लगे हुये हैं। उक्त फिजुल खर्च को रोकने से होने वाली बचत को अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करके बदलाव की बयार बहाने के लिये लोगो से अपील कर रहे है। वही दूसरी तरफ इजी मनी आने से अचानक बने कथित सेठ उनके मंसूबों पर पानी फेरने की कोशिश करने के साथ साथ अजीब अजीब फिजुल खर्च वाले रस्मोरिवाज बनाने मे लगे हुये है। बढती आतिशबाजी से भंयकर रुप से होते वायु प्रदूषण के कारण दमे के मरीज व बुढापे को झेलते लोग काफी दिक्कत महसूस करते हुये उक्त कथित सेठो को उनके कृत्य पर बेचारगी के साथ कोसने के अलावा अपनी इंसानियत के कारण कुछ अन्य कर भी नहीं पाते हैं।

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