विशाला को पर्यटन स्थल घोषित करने भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से की मांग | New India Times

मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

विशाला को पर्यटन स्थल घोषित करने भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से की मांग | New India Times

भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के छिन्दवाड़ा आगमन पर उनसे विशेष मुलाकात में जुन्नारदेव विशाला मंदिर के विषय में नवजीत मोनू जैन ने बताया की सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में स्थित ग्राम जुन्नारदेव विशाला पहली पायरी में अज्ञात स्त्रोंतों से झरती मनमोहक अनवरत जलधारा और प्राकृतिक सौंदर्य ,एवं मंदिर सदियों से लोगों की भक्ति भावना, आकर्षण का विषय रहा है। जुन्नारदेव विशाला को पर्यटनस्थल घोषित करने के लिए भाजपा नगर मंडल के अध्यक्ष नवजीत मोनू जैन ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. डी. शर्मा के छिन्दवाड़ा प्रवास के दौरान मिलकर पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की है। रमणीय और दर्शनीय विशाला में विराजमान महादेव बाबा ने साधु संतों और आम जनमानस को हमेशा अपने मोहपाश मे बांधे रखा है। किवदंतियों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ ने भस्मासुर को वरदान दिया था कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा वह जल कर भस्म हो जावेगा और वरदान की सत्यता को आजमाने के लिए भस्मासुर ने जब भोलेनाथ को ही चुन लिया तब भागते हुए भोलेबाबा ने जुन्नारदेव में पहली शरण ली तब से यह पवित्र स्थल पहली पायरी के नाम से विख्यात है। गुफा नुमा मंदिर में विराजमान भगवान भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिर के अलावा यहां चौरसिया समाज द्वारा निर्मित नाग मंदिर, यदुवंशियों द्वारा श्री राधा कृष्ण मंदिर, सोनी समाज द्वारा दुर्गा मंदिर एवं अति प्राचीन त्रिशूल मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है,
इस पावन नगरी में प्रतिदिन सैकड़ों भक्तों एवं शिवरात्रि एवं अन्य मेलों मे हजारों की संख्या मे वर्ष भर यात्रियों की आवाजाही लगी रहती है। जन सुविधाओं का अभाव और प्रशासनिक लापरवाही, अनदेखी एवं उपेक्षा का शिकार यह पवित्र रमणीय स्थल आज भी अपने उद्धार की राह देख रहा है। नगर मंडल अध्यक्ष नवजीत मोनू जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि विशाला के साथ ही पर्यटन की अपार संभावनाओं को अपने भीतर समेटे सतगघरी, गोरखघाट, गिरजामाई और जुन्नारदेव विशाला को मिलाकर एक पर्यटन वृत बनाया जा सकता है। पर्यटन के दृष्टिकोण से विशाला मंदिर के ठीक पीछे झंडा पठार नामक पहाडी़ रोपवे के लिए उपयुक्त है, वहाँ पर मंदिर अथवा विशाल शिव प्रतिमा स्थापित एवं पार्क आदि निर्मित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। पहाड़ के ऊपर पदम पठार पर समतल भूमि है जहाँ राज्य सरकार स्वयं होटल्स, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र एवं जडी़ बूटियों से संबधित कार्यों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। पर्यटन की अपार संभावनाएं इस क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने के साथ साथ शाशन के राजस्व वृद्धि मे भी उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading