रहीम शेरानी/अब्दुल कुदुस शेख, झाबुआ (मप्र), NIT:
धार्मिक आस्था है गौ पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। घर की समृद्धि के लिए घर में गाय का होना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ ही गाय की सेवा भी करनी चाहिए
इससे उनका मानसिक विकास तेजी से होता है।
संतान और धन की प्राप्ति के लिए भी गाय को चारा खिलाना और उसकी सेवा करना बेहतर परिणामदायक माना गया है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर थांदला के समीप ग्राम खजूरी में गौ माता की पूजा आरती कर उसके पश्चात सभी गौ माता को गुड और हरे चने व सब्जी खिलाई गई।
खजूरी ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती लीला बाई डामोर,
भारतीय गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष राजू धानक, कैलाश डामोर, सतीश उपाध्याय, बोहरा समाज से कुतुब भाई बोहरा, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर शर्मा, मनोज उपाध्याय, पार्षद कादर शेख, निरंजन भारद्वाज, विवेक व्यास, राजेश डामोर, मनीष वाघेला, सहित ग्राम के प्रबुद्ध नागरिकगण, गो भक्त उपस्थित थे।
इस अवसर पर गौ-रक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष राजू धानक ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में लिखा है “गावो विश्वस्य मातर:” अर्थात गाय विश्व की माता है।
गौ माता की रीढ़ की हड्डी में सूर्य नाड़ी एवं केतुनाड़ी साथ हुआ करती है, गौमाता जब धुप में निकलती है तो सूर्य का प्रकाश गौमाता की रीढ़ हड्डी पर पड़ने से घर्षण द्बारा केरोटिन नाम का पदार्थ बनता है जिसे स्वर्णक्षार कहते हैं। यह पदार्थ नीचे आकर दूध में मिलकर उसे हल्का पीला बनाता है। इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला नजर आता है। इसे पीने से बुद्धि का तीव्र विकास होता है। जब हम किसी अत्यंत अनिवार्य कार्य से बाहर जा रहे हों और सामने गाय माता के इस प्रकार दर्शन हो की वह अपने बछड़े या बछिया को दूध पिला रही हो तो हमें समझ जाना चाहिए की जिस काम के लिए हम निकले हैं वह कार्य अब निश्चित ही पूर्ण होगा।
संक्रांति के पावन पर्व पर ग्राम की सरपंच माताजी के सानिध्य में गौ माता के पूजन का अवसर प्राप्त हुआ। आप ने सभी का आभार माना।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.