स्वामी विवेकानंद कपड़ा बैंक ने युवा दिवस पर बांटा कम्बल | New India Times

अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:

स्वामी विवेकानंद कपड़ा बैंक ने युवा दिवस पर बांटा कम्बल | New India Times

प्रयागराज के मेजा तहसील के मांडा क्षेत्र के ढ़िलिया गांव में पहाड़ी मुसहर लोगों के बीच युवा दिवस के शुभ अवसर पर संगोष्ठी एवं निःशुल्क कम्बल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। संगोष्ठी का विषय स्वामी विवेकानंद जी के सपनों का भारत व वर्तमान परदृश्य रहा! जिस कार्यक्रम में कृष्ण कुमार पांडेय जी जो “शिव दुर्गा टेंपल बेएरिया कैलीफोर्निया” के संस्थापक हैं उन्होंने कैलिफोर्निया अमेरिका से लाइव आकर मुख्य संरक्षक के रूप में मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती चंद्रावती सिंह एवं संचालन शिक्षक कुंदन सिंह ने किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्षय उपाध्याय जो संस्था स्वामी विवेकानंद कपड़ा बैंक के संस्थापक हैं जिनके द्वारा क्षेत्र के गरीबों के लिये लगातार कार्य किया जा रहा है। ठंड से गरीबों को निजात दिलाने के लिए गर्म ऊनी कपड़े प्रत्येक वर्ष जरूरतमंदों के बीच जाकर प्रदान करने का कार्य करते हैं। उनके द्वारा युवा दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित कर स्वामी विवेकानन्द जी को याद किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजक विक्रम सिंह व विनय बिंद रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युवा साथियों व क्षेत्रवासियों को विक्रम सिंह के द्वारा धन्यवाद किया गया।

स्वामी विवेकानंद कपड़ा बैंक ने युवा दिवस पर बांटा कम्बल | New India Times

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में कुलदीप पांडेय (ब्लॉक प्रमुख बहरिया) रहे। मुख्य वक्ता के रूप में आलोक त्रिपाठी (पीसीएस अधिकारी) रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप डॉ श्वेता सिंह (मेडिकल ऑफिसर), अभिमन्यु शुक्ला (डायरेक्टर स्पीड कोचिंग), अनुराग मिश्रा जी (राष्ट्रीय प्रमुख सनातन एकता परिषद),
चांद मोहम्मद चंदू (समाजसेवी), अधिवक्ता अतुल तिवारी, जय प्रकाश मिश्रा, नीरज द्विवेदी, रवि द्विवेदी, शुभम द्विवेदी, आशीष सिंह, आशुतोष सिंह, आनन्द दुबे, ममलेस मिश्रा व अन्य युवाओं सही क्षेत्र के सम्मानित अतिथि गण मौजूद रहे।
कुलदीप पांडेय जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने नर सेवा ही नारायण सेवा है कि बात कहीं थी, अगर ईश्वर को प्राप्त करना है तो नर सेवा से बेहतर माध्यम कोई नहीं। मुख्य वक्ता आलोक त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं के प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कम उम्र में पूरे विश्व में भारत की संस्कृति को शिखर पर पहुंचाने का कार्य किया।

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