अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, सीकर (राजस्थान), NIT:
गूरु गुड़ रह गया और चेला शक्कर वाली कहावत सीकर कांग्रेस की राजनीति पर वर्तमान समय में स्टीक बैठती नजर आने के साथ हाल ही में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठन के बाद लगने लगा है कि अचानक प्रदेश अध्यक्ष बने लक्ष्मनगढ विधायक गोविंद डोटासरा ने सीकर से दो खास नेताओं को अपनी प्रदेश कमेटी में शामिल करके प्रदेश की राजनीति में अपने दबदबे का सीकर के कांग्रेस जनों को स्पष्ट अहसास करा दिया है।
राजनीतिक सुत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठन के ठीक पहले सीकर के केन्द्रीय स्तर के एक नेता ने तो प्रदेश नेतृत्व को कमेटी में आने की अपनी अनिच्छा से अवगत करा दिया था लेकिन कुछ दिग्गज नेता स्वयं व कुछ नेता अपने खास समर्थकों को कमेटी मे आने व पद दिलवाने की भरसक कोशिश में लगे हुये थे पर जब कमेटी की घोषणा हुई तो तमाम दिग्गज नेताओं के होश उड़ गये। मनोनीत प्रदेश प्रतिनिधि के अलावा संगठन स्तर पर अब तक पहले किसी भी पद पर नहीं रहने वाले फतेहपुर विधायक हाकम अली ने ऊंची छलांग लगाते हुये संगठन में प्रदेश महामंत्री का पद पाया है जबकि सीकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जिला युवा कांग्रेस के पूर्व में अध्यक्ष रहने वाले फूलसिंह ओला ने भी अन्य नेताओं को पीछे छोड़कर प्रदेश संगठन में सचिव का पद पाया है। हाकम अली व फूल सिंह ओला को वर्तमान समय में प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा का जिले में आंख व कान माना जाता है।
कुल मिलाकर यह है कि सीकर को लेकर प्रदेश कांग्रेस संगठन गठन में गोविंद डोटासरा के दबदबे के साफ संकेत नजर आने के बाद अब यह लगने लगा है कि प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों व मंत्रीमंडल गठन में सीकर से मिलने वाले प्रतिनिधित्व में डोटासरा की सहमति या असहमति विशेष महत्व रखेगी। डोटासरा के किसी खास विशेष को प्रतिनिधित्व नहीं देने को लेकर या दिलाने को लेकर अड़ने पर मुख्यमंत्री द्वारा उनकी भावनाओं की कद्र करते वर्तमान राजनीतिक समय में नजर आ रहे। इन सबको सामने रखते है तो पाते है कि सीकर जिले की कांग्रेस राजनीति में आगे चलकर बदलाव आना तय है।
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