भीमसेना का शक्ति प्रदर्शन: संविधान के साथ लहराई तलवारें, जिला अदालत में जलाई मनुस्मृति | New India Times

साबिर खान, गुरुग्राम/नई दिल्ली, NIT:

भीमसेना का शक्ति प्रदर्शन: संविधान के साथ लहराई तलवारें, जिला अदालत में जलाई मनुस्मृति | New India Times

शुक्रवार 25 दिसंबर 2020 को भीमसेना ने एकलव्य ग्राम खांडसा से संविधान बचाओ यात्रा निकाली। भीमसेना की इस रैली में भाजपा सरकार को आरएसएस की मनुवादी सरकार बताकर जमकर हंगामा काटा गया। भीमसेना की रैली का नेतृत्व भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर कर रहे थे। नवाब सतपाल तंवर ने भारतीय संविधान के साथ-साथ बीच सड़क पर तलवारें लहराई। पूरे रोड़ पर भीमसेना के झंडों के साथ भीम सैनिकों के हाथों में डंडे भी थे साथ में भीम सैनिकों ने अपने हाथों में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की तस्वीरें, संविधान की प्रतियां, स्वर्गीय कांशीराम जी की तस्वीरें और भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर की तस्वीरें ले रखी थी। भीमसेना की यह रैली एकलव्य ग्राम खांडसा से शुरू होकर अम्बेडकर चौक, खांडसा रोड़ होते हुए अनाज मंडी और भूतेश्वर मन्दिर, सोना चौक से आपका बाज़ार के सामने से होते हुए सिविल लाइन्स और मोर चौक से निकलकर सोना अड्डा और राजीव चौक होते हुए जिला न्यायालय तक पहुंची।

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इस दौरान नवाब सतपाल तंवर ने भीमसेना का नया ड्रेस कोड लागू किया और भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर नीला चिता ड्रेस में नजर आए। रैली के दौरान गाड़ी पर सवार होकर भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने खुलेआम तलवारें लहराई। उनके एक हाथ में संविधान की पुस्तक थी और दूसरे हाथ में तलवार थी। तंवर का कहना है कि वे संविधान की रक्षा के लिए गर्दन कटवा भी सकते हैं और काट भी सकते हैं। इस दौरान सरदार उद्धम सिंह जिन्दाबाद के नारे भी लगाए गए। भीमसेना चीफ़ ने कहा कि संविधान के अनुसार कलम की ताक़त के साथ-साथ दलितों को तलवार की ताकत को अपनाना पड़ेगा। पूरे रोड़ पर भीमसेना का यह संविधान के साथ तलवार का खौफ दिखाई दे रहा था। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। सेक्टर 37 थाना, सिटी थाना, शिवाजी नगर नगर थाना और सिविल लाइन्स थाना के पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी लगाई गई थी। पुलिस प्रशासन के सामने भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने सरेआम तलवारें लहराई और पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बनकर देखता रहा। भीमसेना की रैली के दौरान कई बड़े पुलिस अफसर भी सड़क पर थे लेकिन किसी ने भी तंवर को रोकने की कोशिश नहीं की। यह भीमसेना चीफ़ का खौफ है या प्रशासन को उनको शह जो खुलेआम शहर में तलवारें लहराते हैं। ऊपर से तंवर ने नीला चीता ड्रेस भी लॉन्च करके स्वयं वर्दी धारण करके भीम सैनिकों को जुल्म के खिलाफ लड़ने को प्रेरित किया। तंवर ने कहा कि वर्ष 2021 से भीमसेना की मिलिट्री ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी। भीम सैनिकों के लिए भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने नीला चीता ड्रेस लॉन्च कर दी है। तंवर ने कहा कि वह वर्ष 2021 में 21वीं सदी की नीली महाक्रांति का उदय कर देंगे। दलितों पर जातीय शोषण करने वालों को मुंहतोड़ जबाव दिया जाएगा।

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जिला न्यायालय पहुंचकर भीम सैनिकों ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके और माल्यार्पण करके श्रद्धांजली अर्पित की। इसके बाद भीम सैनिकों ने संविधान जिन्दाबाद और मनुस्मृति मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए हिन्दू धर्म ग्रंथ मनुस्मृति को आग के हवाले कर दिया। बताया जाता है कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ० अम्बेडकर ने भी 25 दिसम्बर 1927 को मनुस्मृति का दहन किया था।

भीमसेना का शक्ति प्रदर्शन: संविधान के साथ लहराई तलवारें, जिला अदालत में जलाई मनुस्मृति | New India Times

भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भी 21वीं सदी में मनुस्मृति जिन्दा है जिसके आधार पर आज भी दलितों और महिलाओं का शोषण होता है। तंवर ने कहा कि मनु ने मनुस्मृति ग्रंथ की रचना करके भारत में वर्ण-व्यवस्था का जाल बुना और देश के मूलनिवासी बहुजनों को शूद्र वर्ण घोषित करके गुलाम बनाया। मनुस्मृति महिलाओं को भी कोई अधिकार नहीं देती। मनुस्मृति के दहन से हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त है जिससे देश में नया विवाद शुरु हो गया है। इसके दो साल पहले भी नवाब सतपाल तंवर ने दिल्ली में संसद मार्ग थाने के सामने मनुस्मृति का दहन करके विवाद को जन्म से दिया था। जिला न्यायालय में हिन्दू धर्म ग्रंथ मनुस्मृति को जलाए जाने से हंगामा खड़ा हो गया है। हिन्दू संगठनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि वो जानबूझकर भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर को इतनी खुली छूट दे रहे हैं। इससे पहले भी तंवर विवादों में रह चुके हैं और इनके उपर हरियाणा के कई शहरों और देश के कई राज्यों में केस दर्ज हैं। तंवर के इस कदम ने देश में नए विवाद को जन्म दे दिया है। मनुस्मृति जलाने के साथ-साथ भारतीय संविधान की आड़ में तलवारें लहराए जाने की घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। तंवर की यह विडियो सोशल मीडिया में भी वायरल होकर ट्रेंड कर रही है।

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भीमसेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने कहा कि आरएसएस की भाजपा सरकार देश में बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान को समाप्त करके मनुस्मृति लागू करना चाहती है। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुरानी संसद का सौदा करके नए संसद भवन का निर्माण कराया है। जो इसके बाद मनु के विधान वाला नया संविधान लागू करेंगे। भाजपा सरकार और आरएसएस के खिलाफ तंवर के बयानों ने सियासी गालियरों में भी खलबली मचा दी है। सैकड़ों की संख्या में गाड़ियों और बाइक के साथ भीमसेना चीफ़ के इस काफिले ने शहर के कई इलाकों में जाम की स्थिति पैदा कर दी। काफिले में डीजे साथ में लेकर बड़ी आवाज़ में भीमसेना, नवाब सतपाल तंवर और डॉ० अम्बेडकर के गाने बजाए जा रहे थे।

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One thought on “भीमसेना का शक्ति प्रदर्शन: संविधान के साथ लहराई तलवारें, जिला अदालत में जलाई मनुस्मृति”
  1. ये बहुजन समाज के लिए गर्व की बात है कि भीम आर्मी जैसे संगठन अपने समाज का नेतृत्व कर रहे हैं , निर्भीक होकर अपनी बात कह रहे है । बहुजन समाज को चाहिए कि वे अपने इस संगठन का तहे दिल से समर्थन करें वा तन मन धन से सहयोग करें क्यों वे आपके हिस्से की भी लड़ाई लड़ रहे हैं। बहुजन जिस दिन पूर्ण रूप से जाग जाएगा अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कर लेगा तो ये मनुवादी आपके तलवे चाटने लगेंगे। बस जागने की देर है, मै विनय कुमार प्रजापति फौजी बांदा यूपी से पूरे संगठन का आभार व्यक्त करता हूं । जय भीम जय मूलनिवासी नमो बुद्धा, जय संविधान , धन्यवाद,

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