बेटी को बोझ समझने वालों पर बरकत अली का यह संदेश दिल को झकझोर कर रख दिया | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

बेटी को बोझ समझने वालों पर बरकत अली का यह संदेश दिल को झकझोर कर रख दिया | New India Times

एक तरफ नारी पूजा हो रही है तो दूसरी तरफ आप यह जान कर सकते में पड़ जाएंगे कि, कई बार माएं ही अपनी लाड़ली को बेड पर या मंदिर के बाहर कचरे में छोड़ जाती हैं। वैसी माताओं की मजबूरियों का अंदाजा लगाना मुश्किल है जो अपने कलेजे के टुकड़े को पाल नहीं पातीं, इन बेटियों की किस्मत पर आप ताज्जुब करें या उन बेहरामों के बारे में सोचें जिन्होंने जन्म के कुछ ही देर बाद फूल सी बेटी को छोड़ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में सामने आया है। यहां एक मां ने अपने बच्चे को नौ महीने तक पेट में रखा और फिर उसी बच्चे को जन्म देते ही कचरे में फेंक दिया।

बेटी को बोझ समझने वालों पर बरकत अली का यह संदेश दिल को झकझोर कर रख दिया | New India Times

अकबरपुर शहर के फैजाबाद रोड के पास बच्ची को किसी मां बाप ने कड़ाके की ठंड में फेंक दिया जिससे मासूम बच्ची की मौत हो गई, जिसकी सूचना मिलते ही समाजसेवी बरकत अली अपने साथियों के साथ जाकर बच्ची को गोद में उठाया और पुलिस को सूचना दी, स्थानीय लोगों की सूचना के अनुसार किसी अज्ञात व्यक्ति अलसुबह नवजात शिशु को कचरे में छोड़कर चला गया। उसने पास जाकर देखा तो वहां कचरे में एक कपड़े में नवजात बच्चा लिपटा हुआ पड़ा था। समाजसेवी बरकत अली ने बताया कि समाज को पूरी तरह शर्मसार करता है इस तरह की तस्वीर, बेटियों को आज भी हीन भावना से देखा जाता है। बरकत अली ने कहा कि हमारी संस्था फैजाने गरीब नवाज ऐलान करती है कि जो निकम्मे मां बाप अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर सकते वह हमारे संस्थान में छोड़ दें हम उन दरिंदे मां बाप का नाम गुप्त रखेंगे। इस दौरान सुजीत यादव, अतुल पटेल, पंकज वर्मा, सिकंदर खान, जमाल खान, कल्लू ने मिलकर मृत मासूम बच्ची को कफन में लपेट कर मिट्टी दी। इस दौरान अकबरपुर कोतवाली पुलिस कांस्टेबल आलोक, सरोज, कांस्टेबल रानू सरोज भी मौजूद रहे।


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