हरकिशन भारद्वाज, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान की राजनीति में नए बदलाव को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो अहमद पटेल के निधन के बाद अब दोबारा केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से अशोक गहलोत को उनके स्थान पर लाने की बात कही जा रही है। इधर सचिन पायलट को राजस्थान राज्य का मुखिया बनाने पर भी विचार चल रहा है।
राजस्थान की राजनीति में अहमद पटेल के जाने से बदलाव के संकेत मिल रहे हैं और कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व अहमद पटेल की कुर्सी योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहा है। इस मामले में अशोक गहलोत का नाम शीर्ष स्थान पर है लेकिन उनके मन में कई सवाल हैं।
राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस के अंदर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर रस्साकसी तेज हो गई है। अशोक गहलोत- सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चली आ रही चर्चाओं को भी फिर हवा मिल गई है। इस बार अशोक गहलोत के खिलाफ ऐसा दांव चला गया है जो उन्हें न तो स्वीकारते बन रहा है और न ही नकारते। पिछली बार जब नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा उठा था तो उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव से सचिन पायलट को ‘हिट विकेट’ करा कर चीफ मिनिस्ट्री सेफ कर लिया था। लेकिन कहते हैं कि हमेशा स्थितियां एक सी नहीं रहती हैं। अहमद पटेल के निधन के बाद दिल्ली में केंद्रीय आलाकमान के लिए एक ऐसे शख्स की तलाश है जो राजनीतिक नजरिए से तो मैच्योर हो ही, उसकी निष्ठा भी मजबूत हो। कांग्रेस का मानना है कि बहुत समय तक यह पद खाली भी नहीं रखा जा सकता। दिल्ली में मौजूद जो विकल्प थे उस पर नजर दौड़ाई जा चुकी है लेकिन उसमें से कोई भी बंदा फिट नहीं पाया गया जिसे अहमद पटेल की भूमिका में रखा जा सके। बस यहीं से अशोक गहलोत का नाम उछला है। कहा जा रहा है कि अहमद पटेल वाली पोजिशन भरने के लिए जो भी ‘गुण’ चाहिए वे सब अशोक गहलोत में हैं।
क्यों पटेल की जगह गहलोत को देखा जा रहा है
माना जा रहा है कि क्योंकि गहलोत अहमद पटेल के भी बहुत ही विश्वासपात्र रहे हैं। ऐसे में भी उन्हें अहमद पटेल की जगह देखा जा रहा है। यह भी कहा जाता रहा है कि गहलोत सरकार के संकट में आने के बाद अहमद पटेल की कांग्रेस और गहलोत दोनों के लिए खेवनहार बने थे। इके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है, जिससे कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि अशोक गहलोत राजस्थान छोड़ अब दिल्ली आ जाएं। कांग्रेस केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कहा जा रहा है कि गहलोत को राजस्थान से दिल्ली शिफ्ट कर देना चाहिए और राजस्थान में सचिन पायलट को सरकार की कमान सौंप देनी चाहिए।
चुनौतियों और संशय में घिरे गहलोत
उधर, अशोक गहलोत हैं कि वे किसी भी सूरत में राजस्थान नहीं छोड़ना चाहते। उनके सामने अभी अपने बेटे को भी स्टेट पॉलिटिक्स में स्थापित करने की चुनौती है। अहमद पटेल की भूमिका में दिल्ली शिफ्ट होने का मतलब कि वे किंग मेकर तो बन सकते हैं लेकिन ‘किंग’ की कुर्सी छोड़नी होगी। लेकिन वे किंग ही बने रहना चाहते हैं। उनके लिए चिंता की बात यह है कि अगर आलाकमान को यह प्रस्ताव पसंद आ गया तो ना करना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा।
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