स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की राशि खाते में डालने हितग्राही से रिश्वत के मांगे तीस हजार, हितग्राही ने एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार | New India Times

त्रिवेन्द्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की राशि खाते में डालने हितग्राही से रिश्वत के मांगे तीस हजार, हितग्राही ने एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार | New India Times

प्रधानमंत्री आवास को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा मंचों से तो बडी बड़ी बातें की जा रही हैं कि आवास में गरीबों को निःशुल्क आवास दिये जा रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर तो कुछ ओर ही देखने को मिल रहा है। देवरी नगर में अधिकतर शिकायतें आ रही हैं कि आवासों में पैसों का लेन देन किया जा रहा है तो फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत किये गये हैं। लोगों द्वारा बताया गया कि यदि देवरी नगरपालिका की सभी वार्डों की आवास की लिस्ट अनुसार पात्रता की जांच की जाये तो कई आवास फर्जी पाये जायेंगे जिसमें तो कुछ विभाग के ही कर्मचारी अधिकारी के परिवार व स्वयं के नाम सामने आयेगे। यदि देवरी नगर पालिका की कलेक्टर द्वारा प्रधानमंत्री आवासो की सही जांच की जाये तो फर्जीवाड़ा स्पष्ट उजागर हो जायेगा।

स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की राशि खाते में डालने हितग्राही से रिश्वत के मांगे तीस हजार, हितग्राही ने एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार | New India Times

ऐसा ही फर्जीवाड़ा व भ्रष्टाचार का मामला पृथ्वी वार्ड में देखने को मिला जहां पृथ्वी वार्ड के धरमदास पिता शंकरलाल पटेल 36 वर्ष ने तथा गोविंद पिता शंकरलाल 42 वर्ष ने दिन गुरुवार को नगरपालिका के दो कर्मचारी पी एल साहू व मनु जारोलिया द्वारा स्वीकृत आवास की किश्त खाते में डालने के नाम पर तीस हजार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगने की लिखित शिकायत एसडीएम देवरी से की व जिसमें बताया गया कि दोनों हितग्राही पृथ्वी वार्ड के निवासी हैं, मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। हितग्राहियों की दिनांक 26/04/2020 को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो गई थी जिनका आईडी क्रमांक 238021634514000079 व 238021636514000077 है जिसमें आज दिनांक तक किश्त की राशि नहीं डाली गई है जिसकी शिकायत नगरपालिका में की तो वहां के कर्मचारी पीएल साहु व मनु जारोलिया द्वारा तीस हजार की रिश्वत की मांग की गईं तथा कहा गया जब पैसे दोगे तो राशि डाल दी जायेगी। दोनों हितग्राही ने लिखित शिकायत में कहा है कि उनकी आवास की राशि मे जालसाजी कर भ्रष्टाचार कर गबन किया जा रहा है जिसकी एसडीएम से न्याय की गुहार लगाकर आवास की किश्त की राशि खाते में डलवाने व भ्रष्ट्राचारी रिश्वत मागने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही कराने की मांग की गई है।


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