वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
कस्टम विभाग पलिया में फिर पकड़े गए माल को सलटाने बेचने का खेल शुरू हो गया है। पूर्व कस्टम अधीक्षक के समय की पुनरावृति करने पर मौजूदा अधिकारी भी लगे हुए बताये जा रहे हैं जबकि नवागत कस्टम अधीक्षक पलिया को गौरीफंटा कस्टम कार्यालय से ही फुर्सत नहीं मिल रही है। गौरीफंटा से शारदा पुरी तक 50 किलोमीटर से अधिक बॉर्डर एरिया होने के बाद भी कभी कस्टम अधिकारी गश्त करते हुए नहीं दिखते हैं जिससे तस्करों के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों के अनुसार इसी के चलते मनबढ़ तस्कर मटर, खाद के साथ-साथ मादक पदार्थ भी तस्करी करने व देश विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम दे सकते हैं। बुधवार को बसही एसएसबी ने 2 ट्राली में लाद कर आ रही 31 लाख रुपया लगभग की चाइनीज मटर पकड़ी थी जिसको छुड़ाने को लेकर अधिकारी व दलालों में सांठगांठ शुरू हो गई है। कस्टम कार्यालय पलिया में दलाल देखे जा सकते हैं जो माल को छुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इससे पूर्व ग्वारीफंटा बॉर्डर के नजदीक से पकड़े गए बर्तन आदि को लेनदेन कर छोड़ा गया था। कस्टम विभाग पलिया द्वारा ना ही कभी जुर्माने की रसीद दी जाती है और ना ही नीलामी की नोटिस कभी चिपकाए जाते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या पकड़ी गई 2 ट्राली लदी मटर की नीलामी होगी या उन्हीं तस्करों को ही लेनदेन कर दे दी जाती है। वर्षों से एसएसबी व पुलिस द्वारा रात दिन एक कर तस्करों को माल समेत पकड़ कर कस्टम विभाग को सौंपना जाता है और कस्टम विभाग द्वारा पेपरों की खानापूर्ति कर तस्करों को ही माल वापस कर दिया जाता है।
अब देखना यह है कि इतने बड़े सीजर की नियमानुसार नीलामी होगी या फिर बाकी मालों की तरह इसे भी तस्करों के हवाले कर दिया जाएगा।
इससे पहले भी शिकायत आई थी कि कस्टम कार्यालय पलिया में एक ही पार्टी को सीजर किया हुआ माल दिया जाता है, जिस पर जांच चल रही है। रही बात दो ट्रैक्टर ट्रॉली में पकड़ी गई चाइनीज मटर की तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी: अजित किस्पोट, असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम विभाग।