साबिर खान, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र राज्य के पुर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त व मिरा भाईंदर महानगरपालिका के पूर्व विरोधी पक्ष नेता डॉ आसिफ शेख ने महाराष्ट्र सरकार के मार्गदर्शक श्री शरद पवार से मिलकर मांग की है कि महाराष्ट्र के सभी लोकल सेल्फ गवर्मेंट स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में बेरोज़गार युवा युवतीयों को डायरेक्ट नौकरी दी जाय और ठेकेदारों के मार्फ़त दी जाने वाली नौकरियां बंद की जायें। डॉ आसिफ शेख ने कहा है कि महाराष्ट्र के महानगरपालिका, नगरपालिका, जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत आदि स्थानीय स्वराज संस्थाओं में ठेकेदार के मार्फ़त नौकरी दी जाती है जिससे ठेकेदार ठेका कर्मचारियों को पगार का पूरा पैसा नहीं देता है और वह अधिकारीयों की मिलीभगत से कर्मचारियों का लगभग चालीस प्रतिशत पगार का पैसा अपने जेब में डाल लेता है जिससे कर्मचारियों पर अन्याय होता है, उनके मेहनत की कमाई ठेकेदार खा जाता है।
गौरतलब है कि जिला परिषद, ग्राम पंचायत, नगरपरिषद, महानगरपालिका समेत अनेक संस्थाओं में ठेकेदार द्वारा नौकर भर्ती की जाती है। राज्य सरकार ने भी इन सभी स्थानीय संस्था में लगने वाले चपरासी, क्लर्क, इंजीनियर, कंप्यूटर आपरेटर्स व अन्य पोस्ट को सीधे डायरेक्ट भरने के बजाये ठेकेदार के जरिये आऊट सोर्सिंग से भरने का फर्मान जारी किया है जिसके कारण ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को सिर्फ 60 प्रतिशत पेमेंट मिलता है और बाकी पेमेंट ठेकेदार ले लेता है। इसी तरह ठेकेदार मेडिकल, एलआईसी, पीएफ आदि सुविधा भी कर्मचारियों नहीं देता है और कई बार वह समय पर पेमेंट भी नहीं करता है। ठेकेदारों की इसी दादागिरी व मनमानी को लेकर डॉ आसिफ शेख ने शरद पवार से मिलकर उन्हें लिखित रूप में निवेदन देकर मांग की है कि पढ़े लिखे शिक्षित युवक युवतियों को उनके योग्यताओं के मुताबिक़ डायरेक्ट वॉक इन इंटरव्यू लेकर नोकरीयां दी जायें और महाराष्ट्र को ठेकेदारों के चंगुल से मुक्त किकिया जाए। डॉ आसिफ शेख ने बताया कि शरद पवार ने भरोसा दिलाया है कि वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करके स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में स्थानिक लोगों को ही नौकरियां देने के बारे में बातचीत करेंगे।