अशफाक़ कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
मदरसा पैराटीचर्स को नियमतिकरण करने व उर्दू के साथ सरकारी स्तर पर हो रहे अन्याय के खिलाफ एक नवम्बर को चूरु शहर से शिक्षक शमशेर भालूखां के तकरीबन ग्यारसो किलोमीटर की पैदल दांडी यात्रा पर निकलने के बावजूद और उनकी यात्रा को अठराह दिन होने के बावजूद राजस्थान की गहलोत सरकार के कान पर जूं अभी तक नही रेगने पर प्रदेश भर के मुस्लिम समुदाय व अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में भारी रोष पनपने के बाद कल जगह जगह बडी भीड़ के साथ प्रदेश भर के गांव-गावं से शहरो की तरफ अलग अलग पैदल मार्च निकाल कर उपखण्ड अधिकारी व जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन देकर सरकार को चेताते हुये कहा गया कि सरकार अब भी जायज मांगें नहीं मानती है तो इस तरह के पैदल यात्राएं और अधिक मात्रा में निकालने का लगातार सिलिला जारी रखते हुये गांधी वादी तरीके से विरोध किया जायेगा।
राजस्थान भर मे जगह जगह खासतौर पर मुस्लिम युवकों द्वारा शिक्षक शमशेर भालूखां की जारी दांडी यात्रा के समर्थन में निकाली गई पैदल यात्राओं में शामिल हजारों लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष देखा गया। वो सरकार के खिलाफ व खासतौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के खिलाफ नारे लगाते हुये बीस-पच्चीस किलोमीटर तक पैदल मार्च करके अधिकारियों को ज्ञापन देकर दिये। इस तरह के पैदल मार्च का सिलसिला आगे भी लगातार जारी रखने का बताया। इसके अतिरिक्त सीकर शहर में माकपा राज्य सचिव कामरेड अमरा राम व डीडवाना में माकपा जिला सचिव यादव के नेतृत्व में भी जूलूस के रुप में शहर में भ्रमण करते हुये जिला कलेक्टर व उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिये गये। आज भी अनेक जगह लम्बी लम्बी दूरी वाली पैदल यात्रा निकालने की घोषणा की गई है।
1 नवम्बर से शमशेर भालूखां की जारी दांडी यात्रा के बाद से सरकार के रवैये के खिलाफ मुस्लिम समुदाय में भारी रोष पनपता दिखाई दे रहा है। अनेक जगह मुस्लिम समुदाय के लोग पंचायत समिति व जिलापरिषद चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का भी तय करते दिखाई दे रहे हैं। अगर इस तरह का आंदोलन कुछ दिन और जारी रहा तो कांग्रेस के लिये यह आंदोलन काफी भारी पड़ सकता है। दूसरी तरफ सरकार ने अभी तक दांडी यात्रियों से किसी तरह की वार्ता नहीं की है। जगह जगह जारी पैदल यात्राओं के अलावा जगह जगह धरना-प्रदर्शन करके भी दांडी यात्रा का समर्थन व सरकार की वादाखिलाफी करने का विरोध किया गया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.