वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
लखीमपुर खीरी जिला में खनन को लेकर जिम्मेदार अपनी झोली भर रहे हैं और अगर ऐसा नहीं है तो लगातार शिकायत के बाद भी क्यों बड़े पैमाने पर अवैध खननहो रहा है?
फरधान थाना क्षेत्र के गांव कोढ़ैय्या, पिपरिया, बेल में कई दिनों से अवैध खनन हो रहा है। यह खनन बहुत ही बड़े पैमाने पर शुरू हुआ है। 3 जेसीबी के साथ 3 दर्जन ट्रैक्टर ट्राली अवैध खननकर रहे हैं। शिकायत के बाद भी दिन और रात लगातार खननहो रहा है, शिकायत के बाद भी खनन पूरी रात चलता है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी न समझ कर सरकार व जनता को गुमराह करके अपनी झोली भरते नजर आ रहे हैं। जिम्मेदार लखीमपुर के अधिकारी, प्रशासन व खनन अधिकारी तक कुम्भकर्णीय नींद से जागने वाले नहीं हैं जिससे लाखों रुपए का राजस्व को चूना लग रहा है और सभी अपनी आंखों से देख रहे हैं। खनन को लेकर खनन अधिकारी तो बिल्कुल निष्क्रिय दिखाई दे रहे हैं। ऐसे ही अगर जिम्मेदार खनन माफियाओं से मिलकर खनन कराते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब पूरा क्षेत्र बंजर घोषित कर दिया जाएगा। सोचने वाली बात तो यह है कि कोढ़ैय्या ग्राम पंचायत में अभी हाल ही में बनी हुई लगभग 2 लाख 50 हजार या रू 3 लाख की लागत से बनी हुई 200 मीटर नाली टूट चुकी है, और पिछले महीने लगा हुआ खड़ंजा लगभग 500 मीटर जिसकी कीमत लगभग रू 5 लाख है यह भी बर्बाद हो चुका है, अब इसका जिम्मेदार कौन होगा, खनन माफिया या खेत स्वामी या प्रशासन? इसकी भरपाई अब किस से की जाएगी? लगभग 4 से 5 लाख रुपए का ग्राम पंचायत का नाली निर्माण व खडंजा बर्बाद कर दिया गया। मगर खोदान अब भी बंद नहीं है। प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। आखिर यह खोदान किसके आदेश से हो रहा है। जिसमें प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। खोदान में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर से टूट चुकी नालियों खड़ंजा के निर्माण का हर्जाना सरकार को वसूलना होगा। ग्राम पंचायत के लोगों का आरोप है यदि इसी तरीके से ग्राम सभा में खनन होता रहेगा तो हम लोग धरने पर बैठने के लिए विवश होंगे, खनन माफिया से जल्द ही खड़ंजा व नाली का निर्माण कराया जाए। खनन माफिया के सत्ता पक्ष और पैसों की धमक के आगे पूरा प्रशासन लाचार दिखाई दे रहा है।
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