यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:
गीत ‘जिंदगी मौत ना बन जाए संभालो यारो’ यहां चरितार्थ होता दिखाई दे रहा है। फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह देश की ही लोग देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यहां बाड़ी में भी यही देखा जा रहा है कि शहर के लोग अब शहर वासियों को ही नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। ताजा उदाहरण आज सोमवार को सब्जी मंडी चौराहा महाराज बाग अंबेडकर किला गेट पर देखने को मिला, सब्जी मंडी व बाजार मार्केट का नाम आते ही हमारे जहन में भीड़ का दृश्य दिखाई देने लगता है, परंतु कोरोना जैसी महामारी के चलते अब भीड़ से डर लगने लगा है। सोमवार को सब्जी मंडी में बेहताश भीड़ थी, भीड़ तो चलो एक आम बात है पर यहां विशेष बात यह थी कि सब्जी मंडी के 90% प्रतिशत सब्जी बेचने वालों ने मास्क नहीं लगा रखे थे। ऐसे में संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है? ऊंची-ऊंची आवाजें लगाकर ग्राहकों को अपने पास बुलाने वाले यह सब्जी वाले सब्जी के साथ-साथ कोरोना भी बेच रहे हैं। पत्रकार के कैमरे में ऐसे बहुत से सब्जी वाले कैद हुए हैं जिन्होंने अपने चेहरे को ना तो मास्क से और ना ही किसी और कपड़े से ढका हुआ था और सब्जी खरीदने वाले भी बेखौफ दिखे। बात करें सोशल डिस्टेंसिंग की तो ना तो वहां कहीं दिखाई दे रही थी और ना ही उसे बनाए रखने के लिए कोई व्यवस्था दिखाई दे रही थी। सब्जी मंडी के दृश्य देखकर ऐसा प्रतीत होता था जैसे कोरोना महामारी एकदम दुनिया से समाप्त हो गई है और जिंदगी एकदम नॉर्मल हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम कोरोना जैसे महामारी के खिलाफ कैसे लड़ेंगे और कैसे जीतेंगे। भामाशाह शासन प्रशासन कई संस्थाओं द्वारा लगातार मास्क वितरण किए जा रहे हैं फिर भी लोग उन्हें पहनने से क्यों कतराते हैं। इस समय त्योहार दीपावली नजदीक है, लोगों को सूचना चाहिए यह एक गंभीर विषय है अगर हम खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो दूसरों को सुरक्षित कैसे देख पाएंगे? 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें तू ही इस महामारी से जीता जा सकता है।
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