हरकिशन भारद्वाज, जयपुर (राजस्थान), NIT:
प्रदेश में गुर्जर आंदोलन की घोषित 1 नवंबर की तारिख का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस बीच जयपुर से लेकर भरतपुर तक हलचलें तेज़ हो गई हैं। ऐन वक्त पर गरमाई स्थितियों के बीच वार्ताओं का दौर शुरू हो गया है। गुर्जर समाज का एक धड़ा सरकार से वार्ता करने के लिए जयपुर पहुंचा हुआ है जबकि दूसरा गुट भरतपुर के पीलूपुरा में महापंचायत कर आन्दोलन शुरू करने पर अड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि जयपुर पहुंचे 41 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधिमंडल में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला या उनके पुत्र विजय बैंसला शामिल नहीं हैं। समाज का ये धडा कर्नल बैंसला के साथ आन्दोलन करने के पक्ष में तो है लेकिन इस धड़े का मानना है कि यदि वार्ता से कोई हल निकल जाता है तो ज़्यादा उचित रहेगा।
गुर्जर प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच वार्ता होगी। सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा और खेल मंत्री अशोक चांदना मौजूद रहेंगे।
इधर, खेल मंत्री अशोक चांदना का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार से वार्ता के द्वार हमेशा खुले हैं। कर्नल बैंसला को भी वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए करीब 41 गुर्जर नेता जयपुर पहुंच चुके हैं।
जानकारी के अनुसार मंत्री रघु शर्मा और अशोक चांदना से गुर्जर नेताओं की शुरुआती बात भी हुई है। मंत्रियों ने गुर्जर नेताओं के सामने सरकार की तरफ से सकारात्मक पक्ष रखा है। इस पर गुर्जर नेता भी इस शुरुआती बात से संतुष्ट नजर आये हैं। नेताओं ने गुर्जर समाज की मांगें सरकार के सामने रखी हैं। वार्ता के बाद गुर्जर नेता जयपुर के एक होटल में रुके हैं।
आज और कल का दिन महत्वपूर्ण
1 नवम्बर को गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर प्रदेश भर में आन्दोलन की चेतावनी के बीच आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। आज सरकार, पुलिस विभाग और गृह विभाग में बैठकों का लंबा दौर चलना है। आईएएस अफसर और उनकी टीमें इस आंदोलन को शांत करने में जुटी हुई हैं तो वहीं आईपीएस अफसरों और उनकी टीम आंदोलन होने की स्थिति में कानून व्यवस्था को काबू करने के प्रयास शुरू कर चुकी है।
उधर रेलवे ने भी पटरियों और रेलवे सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। आज दोपहर बाद से करौली, भरतपुर और आसपास के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में पटरियों की सुरक्षा के लिए दो सौ से ढाई सौ आरपीएफ जवानों और अफसरों को ड्यूटी पर लगाया गया है। आंदोलन को देखते हुए स्थानीय पुलिस के अलावा पहले ही करीब बीस आरएएसी कंपनियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डूंगरपुर विवाद से सीख लेते हुए पहले ही तैयारी
दरअसल पिछले दिनों परीक्षाओं के मामले को लेकर डूंगरपुर जिले में हुए विवाद में सरकार और पुलिस के पूरी तरह से फेल होने के बाद इस बार सरकार और पुलिस ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया है। करौली और भरतपुर के प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। इस बीच कुछ गुर्जर नेताओं के देर रात सरकार के कुछ सीनियर मंत्रियों से भी मिलने की खबर है। वहीं आंदोलन से पहले गुर्जर नेताओं में दो फाड़ होने की भी खबरें बाहर आ रही हैं। सीनियर गुर्जर नेताओं के हर मूवमेंट पर इंटेलीजेंस की नजर है और सरकार को लगातार इस बारे में अपडेट किया जा रहा है।
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