पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:
धार जिला के अमरकुवा की निवासी मरीज गवराबाई पति स्व. रतन जी को गांव में कृषि कार्य करते समय सांप ने काट लिया था जिसको नाजुक हालत में पाटीदार हॉस्पिटल धार में 23/10/20 को रात्रि में इमरजेंसी में ICU में भर्ती कराया गया था। जब डॉक्टरों की मेहनत से मरीज में सुधार हुआ और ब्लड टेस्ट में मरीज का ब्लड बहुत कम Hb 5gm ही निकला ऐसे परिस्थिति में मरीज को ब्लड की 3 यूनिट लगाना अतिवश्यक था। परिवार से उनका केवल एक लड़का था जिसका भी ब्लड मैच नहीं हुआ फिर सभी ब्लड में एक्सचेंज में संपर्क किया लेकिन जब ब्लड कहीं से नहीं मिला ऐसे परिस्थि में मरीज जिंदगी और मौत से लड़ रही थी ऐसे में संस्था रक्तदान महादान सेवा समिति धार, रतलाम मप्र के व्हाट्सएप ग्रुप में सूचना मिली तो संस्था की रक्तवीरांगना भारती मौर्य मरीज की जान बचाने के लिए आगे आकर रात्रि 11.28pm में भोज हॉस्पिटल धार में अपना जीवनदायनी रक्त A+Ve 4 थी बार रक्त का महादान करके उक्त मरीज को अपने रक्त से जीवनदान दिया।
रक्तवीरांगना भारती मौर्य जी जो कि रात्रि में भोज हॉस्पिटल धार में इमरजेंसी केस पाटीदार हॉस्पिटल धार के ICU में भर्ती मरीज गवरा बाई को सर्पदंश के कारण जिंदगी और मौत से लड़ रही थी जिनका HB भी 5gm ही रह गया था ऐसे इमेरजेंसीय केस में कीमती रक्त A+VE 4 थी बार नवदुर्गा में निराहार (उपवास) में रक्त का महादान कर गवरा बाई को अपने रक्त से नवजीवन दिया।
वीरांगना के हौसले को देखकर रक्तदान जैसे कार्य के लिए आगे आना चाहिए, ताकि हमारे देश में रक्तदान की कमी से किसी की जान ना जाए। वैसे जो व्यक्ति रक्तदान के महत्व को समझते हुए भी रक्तदान नहीं करते हैं वह व्यक्ति शरीर से नहीं बल्कि दिमाग से विकलांग होते हैं।
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