रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
यह झाबुआ जिले का दुर्भाग्य है कि जिले में ख्याति प्राप्त सांसद एवं जिले के एक से बढ़ कर एक माने हुए विधायक सत्ता पक्ष एवं तमाम दबंगों का वरदहस्त प्राप्त कर उस पर मुख्यमंत्री के आशिर्वाद प्राप्त कलेक्टर जिले में विराजमान होने के पश्चात भी जिले के आदिवासी एवं सामान्य जन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मामला है झाबुआ जिले के मेघनगर का यहां नगर की सड़कों के हाल इन दिनों बेहाल है। स्टेशन रोड से लेकर बस स्टैंड के मध्य सीमेंट कांक्रीट रोड बने अभी कुछ वर्ष भी नहीं बीते थे लेकिन नल जल योजना के ठेकेदार की मेहरबानी से नगर की सड़कें फिर से तालाबनुमा होकर गड्ढों का रूप ले लिया है।
नगर की मुख्य सड़कों से भारी भरकम वाहन भी धड़ल्ले से बगैर रोक-टोक के गुजर रहे हैं। बस स्टैंड से लेकर ब्लॉक ऑफिस साईं चौराहे से लेकर डाक बंगला का सड़क मार्ग बिल्कुल हैंडलनुमा हो गया जबकि उक्त दोनों मार्गो पर राजनीतिज्ञों व्यापारियों सहित खबर नवीसों के निवास स्थान हैं।
नगर की सड़कों की दुर्दशा के कारण दिन भर धुल के गुब्बारे उड़ते नजर आते हैं साथ ही होटलों पर तैयार होने वाली मिठाईयां, नमकीन आदि सामग्री में भी धूल मिल रही है। और तो और वहां से गुजरने वाले राहागीर भी खासे परेशान होते हैं लेकिन जिम्मेदारों को यह नजर नहीं आता।
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