गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर फूटा कांग्रेस विधायक बैरवा का गुस्सा, लगाया जातिवाद के तहत काम करने का आरोप | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर फूटा कांग्रेस विधायक बैरवा का गुस्सा, लगाया जातिवाद के तहत काम करने का आरोप | New India Times

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खासमखास व विवादों में रहने वाले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर कठूमर से निर्वाचित कांग्रेस विधायक बाबूलाल बेरवा ने सीधे तौर पर ब्राह्मण बिरादरी से तालूक रखने के कारण दलित विधायकों का काम नहीं करने का आरोप आज एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में जड़ने के बाद राजस्थान की सियासत में अलग तरह की गुलाबी गुलाबी सर्दी में गरमाहट पैदा कर दी है।
सीनियर कांग्रेस विधायक बेरवा से पहले सीकर के प्रभारी मंत्री रहते रघु शर्मा द्वारा कोराना काल में सीकर नहीं आने को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता चौधरी नारायण सिंह के पूत्र दांतारामगढ़ विधायक वीरेन्द्र सिंह ने जिले मे कोराना मरीजों की तादाद लगातार बढ़ने को लेकर रघु शर्मा की भूमिका को लेकर प्रेस ब्यान के मार्फत जोरदार हमला बोला था। विधायक वीरेन्द्र सिंह द्वारा तत्कालीन सीकर जिला प्रभारी मंत्री रघु शर्मा की कार्यशैली को लेकर उनपर कड़ा हमला बोलने के बाद रघु शर्मा सीकर की तरफ मुंह तक नहीं किया था बल्कि घबराहट में अपने प्रभार वाले सीकर जिले से प्रभार हटाना ही रघु ने उचित समझा था।
कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व बिजली मंत्री बीडी कल्ला पर ब्राह्मणवाद का आरोप लगाते हुये कहा कि ब्राह्मण मंत्री दलित विधायकों का काम नही करते हैं। बेरवा ने कहा कि जब रघु ने उनके काम नहीं किये तो उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से शिकायत करके प्रकरण को समझाया। शिकायत के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर उन्होंने सीएमओ में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अमित ढाका को उन कामों की काॅपी दी पर फिर भी एक भी तबादला उनके द्वारा दी गई सुची से नहीं हुवा है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि उन्होंने पांच ANM के तबादले करने के नाम की सुची दी पर उक्त सुची में जो चार नाम अनुसूचित जाती की ANM के थे उनका तबादला नहीं हुवा, एक ब्राह्मण नाम की ANM का था उसका रघु शर्मा ने तबादला कर दिया।
कुल मिलाकर यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा सभी महत्वपूर्ण विभाग स्वर्ण जाती से तालूक रखने वाले मंत्रियों के पास होने के कारण दलित, आदिवासी व अल्पसंख्यक समुदाय के विधायकों के काम होने में काफी मुश्किलें आना पाया जा रहा है। इसको लेकर उक्त समुदाय के विधायकों में काफी असंतोष पनपता देखा जा रहा है। कांग्रेस विधायक बाबूलाल बेरवा के खुलेआम अपनी पीड़ा को टीवी चैनल के इंटरव्यू के मार्फत बयां करना मामूली चिनगारी है। अगर मुख्यमंत्री ने जल्द इस हालात मे बदलाव नहीं ला पाये तो मानो चिनगारी कभी भी आग का रुप धारण कर सकती है।


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