अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने जमीअत उलमा मध्यप्रदेश की ओर से हाथरस में हुऐ गैंगरेप की कड़े शब्दों में घोर निंदा करते हुए कहा कि अपराधियों को कड़ी सज़ा न मिलना अपराधियों के हौंसले बुलंद करता है। एक ओर निर्भया सदृश भारत की बेटी बलात्कार की बलिवेदी पर शहीद हो गई थी और अब एक और मासूम मनीषा दरिंदगी की भेंट चढ़ गई ।आखिर कब तक हमारे देश मे बेटियाँ अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगी। हमारी नरम दिली अपराधियों के हौसले बुलंद कर रही हैं। हाजी इमरान ने कहा कि अगर पूर्व में हुए बलत्कारों के दोषियों को खुले आम सज़ा दे दी गई होती तो भविष्य में ऐसे दिन नही देखना पड़ता। पर अफ़सोस हमारे यहां क़ानून तो है पर उसका पालन नही करते।पहले हमने सैकड़ो बेटियों को श्रधंजलि अर्पित की और अब एक और बेटी भूखे भेड़ियों की भेंट चढ़ गई। क्या भारत के आम नागरिकों का यही काम रह गया है कि अपराधी अपराध करते रहें और आम नागरिक श्रदाँजलि अर्पित करते रहें, भारत सरकार को अरब देशों के बलत्कार के इस्लामी कानून को अपनाने में देर नहीं करनी चाहिए जहां खुले आम बलात्कारी को सजाए मोत दे दी जाती है जिसके भय से कई देशों में बलात्कार जैसी घटनाओं का ग्राफ कम है हाजी इमरान ने भारत सरकार उच्च न्यालय से मांग की है कि इस घटना और इससे पूर्व में हुई घटनाओं के अपराधियों को तुरंत खुले आम फांसी की सज़ा देने की ज़रूरत है जिससे ऐसे घिनोने अपराध करने वालों को सोचने में भी उनकी रूह कांप जाए। अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून जमीअत उलमा मध्यप्रदेश की टीम हाजी मोहम्मद इमरान, मोहम्मद कलीम एडवोकेट, मुजाहिद मोहम्मद खान, मोहम्मद यासिर, मौलाना हनीफ़, मोहम्मद फरहान, मुफ्ती मोहम्मद सलमान, हनीफ़ अय्यूबी, आदि ने दुख का इज़हार करते हुए अपराधियों को सज़ा और पीड़ित परिवार के सदस्यों को मुआवजे की मांग की है हालांकी ये मुआवज़ा पीड़िता के नासूर बने ज़ख्मों को नहीं भर सकता पर मरहम का काम ज़रूर करेगा वहीं अपराधियों की तमाम संपत्ति को कुर्क किआ जाए। आखिर कब तक अपराधियों के हौंसले बुलंद रहेंगे और आम नागरिक इन दरीदों की दरिंदगी के पश्चात श्रद्धांजलि अर्पित कर आंसू बहाती रहेगी आम नागरिकों में दिन भय का वातावरण बन रहा है और पूरा देश अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है जिस को भारत सरकार और उच्चतम न्यायालय को गंभीरता से लेते हुए ऐसे अपराधियों के विरुद्ध फैसले लेने होंगे।
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