अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री हर्षबर्द्धन सिंह रावत के समक्ष रिमाण्ड ड्यूटी के दौरान थाना जी.आर.पी. भोपाल द्वारा नौकरी का झांसा देकर युवती का बलात्कार करने वाले आरोपीगण राजेश तिवारी एवं आलोक मालवीय को पेश किया गया और न्यायिक अभिरक्षा की मांग की गयी। शासन की ओर से अभियोजन अधिकारी श्री देवेन्द्र यादव द्वारा व्यक्त किया गया कि एक जिम्मेदार अधिकारी होते हुए एक युवती को इस तरह झांसा देकर यौन शोषण करना गम्भीर अपराध है। केस डायरी के अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दिनांक 09.10.2020 तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
मामले की जानकारी देते हुए एडीपीओ श्री यादव ने बताया कि दिनांक 26.09.2020 को पीडिता द्वारा थाना जी.आर.पी. भोपाल उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन दिया गया कि वह महोबा उत्तप्रदेश की रहने वाली है। दिनांक 25.09.2020 को सुबह भाई के दोस्त के साथ भोपाल एक्सप्रेस से झांसी से भोपाल आई थी। पीड़िता को राजेश तिवारी ने बुलाया था। पिछले दो महिने से राजेश तिवारी से पीडिता की बात हो रही थी वह राजेश को जानती थी। जब वह स्टेशन पहुंची तो प्लेट फॉर्म नं 06 पर उसे राजेश तिवारी ने बुलाया और अपनी कार से प्लेट फॉर्म नं 01 की तरफ डोरमेर्टी में ले आया, जहां उसने पहले से रूम बुक किया था और बोला कि तुम नहा कर तैयार हो जाओ मैं अपने सर को लेकर आता हूं जो तुम्हारा इन्टरव्यू लेंगे और वहां से चला गया। दिन में लगभग 10 बजे राजेश अपने साथ एक व्यक्ति को लेकर आया साथ में कोलड्रिंक, सेब, केला और कुछ अन्य खाने पीने की चीजें लाया। राजेश ने पीड़िता को डिस्पोजल में कोलड्रिंक पीने को दिया तो पीडिता ने मना किया तो वह बोला कि पीलो कोलड्रिंक है कुछ नहीं होगा। कोलड्रिंक पीकर पीड़िता को चक्कर आने लगा तो पीडिता ने कहा कि उसे चक्कर आ रहा है वह लेटने जा रही है और वहीं बेड पर लेट गई। दिन के करीब 01 बजे जब पीड़िता की नीदं खुली तो देखा कि उसके शरीर पर एक भी कपडा नहीं था और वह एक सफेद कलर की चादर ओढे हुई थी तब उठकर उसने अपने कपडे पहने और 100 नं डायल कर पुलिस को बुलाया और उनके साथ थाने आई और बताया कि पीड़िता को सीने और बाथरूम की जगह में दर्द हो रहा है और उसके साथ राजेश तिवारी व उसके दोस्त ने गलत काम किया है। जिस पर थाने द्वारा आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 241/20 अन्तर्गत धारा 323, 328, 376 डी भादवि के अन्तर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता ने कथन में बताया कि आरोपी राजेश जिस व्यक्ति को लेकर आया था वह उसे आलोक नाम से संबोधित कर रहा था और कह रहा था कि आलोक सर तुम्हारी नौकरी लगवा देंगे। विवेचना के दौरान पुलिस को ज्ञात हुआ कि राजेश तिवारी रेल मंडल में सेफ्टी काउंसलर जूनियर इंजीनियर है एवं आलोक मालवीय सीनियर सेक्शन इंजीनियर इलेक्ट्रिकल (मेटेंनेंस) के पद पर पदस्थ है। पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफतार कर आज मेडिकल उपरांत न्यायालय में पेश किया गया। पीड़िता की धारा 164 द.प्र.सं. के कथन भी माननीय न्यायालय में लेख कराये गये।