साबिर खान, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन का कृषि विधेयक, नई शिक्षा नीति, श्रम कानून पर राष्ट्रीय बेबीनार हुआ। इस अवसर पर बोलती हुई राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि जिस प्रकार के कानून बनाए जा रहे हैं नए नए यह कानून देश की व्यवस्था को खराब करने का काम करेंगे। देश की विकेंद्रीकरण की सत्ता को कांग्रेस ने बनाया था कि लोगों तक सत्ता पहुंचाने का कांग्रेस ने काम किया था। अब बीजेपी सत्ता का केंद्रीकरण कर रही है सत्ता को कुछ गिने-चुने लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही इस बात को हम लोगों तक पहुंचाने का लोगों तक बताने का लोगों को समझाने का काम संगठन के माध्यम से करेंगे।
सुनील पवार ने श्रमिक कानूनों के ऊपर बोलते हुए कहा कि श्रमिक वेतन कानून को समाप्त कर दिया गया है। मजदूर संगठनों को प्रतिबंधित प्रतिबंध लगा दिया गया है। उद्योगों पर ताला लगाने का अधिकार उद्योगपतियों को दे दिया गया है। मजदूरों की संख्या तय करने का अधिकार उद्योगपति को दे दिया गया है । नई शिक्षा नीति पर बात करते हुए अरविन्द सरदाना जी ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा हजारों स्कूलों को बंद कर दिया गया है ।नई शिक्षक भर्ती की घोषणा कोई सरकार कर नहीं रही है तमाम शिक्षक भर्ती अधूरी लटकी हुई है। निजी करण को बढ़ावा दिया जा रहा है ।बच्चों पर 5 क्लास से ही बोर्ड का बोझ डाल दिया गया है जो ठीक नहीं कहा जा सकता। यह ठीक है कि पांचवी क्लास से अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेगा परंतु जब दसवीं क्लास में आएगा और किसी अन्य जब वह दसवीं क्लास में आएगा तो उसे अन्य विषय जैसे अंग्रेजी की पढ़ाई बोझ लगेगी ।किसानों के बिल के बारे में केदार सोलंकी ने बोलते हुए कहा किसानों के बिल यह काला कानून है ।किसानों की दुर्दशा का कारण बनेगा निजी मंडियों की स्थापना होगी। कृषि उपज का असीमित भंडार करने की जो छूट बड़े-बड़े उद्योगपति और बिचौलियों को मिलेगी जिससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बहुत अपनी जमीन पर किसान मजदूरी करेंगे। इसमें एमएसपी की कोई गारंटी नहीं दी गई है। जो कि यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय वेबीनार में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के राज्य पदाधिकारियों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। जिनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हर्षवर्धन, राष्ट्रीय महामंत्री तरुण त्यागी, हिमाचल प्रदेश संयोजक दीपक राठौड़, राष्ट्रीय समन्वयक रजनीकांत, प्रदेश जोनल संयोजक मानवेंद्र सिंह पांडव, प्रेम शंकर शर्मा, राजेश त्यागी, शिव प्रकाश जादौन, बलवीर प्रधान, राजीव सिंह एडवोकेट और यदुराज सिंह पाण्डव, हरेंद्र परिहार आदि उपस्थित रहे।
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