अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
हम जानते हैं कि बच्चों को अपनी उच्चतम क्षमता को सीखने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है और मज़ेदार बात यह है कि बहुत कम ही लोग यह पहचानते हैं कि उनके बच्चे पढाई में अच्छे क्यों नहीं हैं।
बीमारी अक्सर उपस्थिति और स्कूल के प्रदर्शन को प्रभावित करती है जो आगे चलकर किसी भी बच्चे का भविष्य अंधकारमय कर सकती है।
बच्चों के स्वस्थ्य और बौद्धिक विकास को ध्यान मे रखते हुए स्टूफ़िट एप्रोच प्रा लि के संस्थापक एवं निदेशक डाॅ एस हैदर ने इस हेल्थ केयर स्टार्टअप की नींव डाली है।
उत्तर प्रदेश में सस्ती एवं उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करने वाली स्टार्टअप इण्डिया से रजिस्टर्ड कम्पनी स्टुफ़िट एप्रोच प्रा. लि. आज उत्तर प्रदेश में बहुत ही कम दाम पर हेल्थ सर्विसेज दे रही है। आइए जानते हैं इसके पीछे किसका हाथ है और इससे क्या बदलाव आया है।
स्टुफ़िट की शुरुआत का श्रेय सीतापुर जनपद के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी हैदर अली जाफ़री के सुपुत्र डाॅ. शुजाअत हैदर को जाता है।
इस स्टार्टअप को आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय फ़िज़िकल थ्रैपिस्ट अधिवेशन की तरफ से यंग एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित डाॅ. शुजाअत हैदर ने वर्ष 2019 में शुरू किया जोकी अपनी गुणवत्ता और उत्कृष्टता के आधार पर इतने कम समय में ही स्टार्टअप की दुनिया में धूम मचा रहा है।
उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले डाॅ एस हैदर ने हेल्थकेयर फील्ड में करीब 18 साल के अनुभव के बाद यह स्टार्टअप 2019 में शुरू किया है। उनका मकसद देश के लोगों को सस्ती दर पर उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं देना है। इसके तहत पहला हेल्थकेयर कैम्प 2019 में झांसी में शुरू हुआ था। इस स्टार्टअप का मुख्यालय लखनऊ में है और इस स्टार्टअप के ज़रिये कई लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिल रहे हैं।
यह स्टार्टअप स्कूल के बच्चों को मोबाइल हेल्थ टीम के जरिए स्वास्थ्य परीक्षण सेवाएं दे रहा है।
टीम में मुख्य रूप से 12 सदस्य होते हैं
सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण के लिए दो मेडिकल अफ़सर,
शारीरिक गणना एवं क्षमता जांचने के लिए एक फ़िज़ियोथ्रेपिस्ट,
आँखों की जाँच के लिए एक आप्टोमेटरिस्ट,
सुनने एवं बोलने की क्षमता जांचने के लिये एक ओडियोलोजिस्ट/स्पीचथेरपिस्ट,
दांतो एवं मुँह की जांच के लिये एक दन्त चिकित्सक,
शारीरिक पोषण की जांच के लिये एक पोषण विषेशज्ञ,
मानसिक विकास एवं समाजिक एवं व्यवहारिक कुशलता जांचने के लिये एक बाल मनोचिकित्सक,
हेल्थ कार्ड बनाने हेतु एक डेटा एंटरी आपरेटर,
दो टीम सहायक एवं एक टीम समनवयक रहते हैं।
बच्चा सबसे पहले डेटा एन्ट्री ऑपरेटर के पास जाता है जहाँ उसका व्यक्तिगत ब्योरा दर्ज करके उसका यूज़र आई डी दे दिया जाता है ।
फिर बच्चा फ़िज़ियोथ्रेपिस्ट के पास जाता है जहाँ उसके शरीर के जोडो एवं मांस पेशियो की बनावट एवं उनकी क्षमता तथा शारीरिक विकास की जाँच की जाती है ।
इसके बाद बच्चे की आँखों की जाँच होती है, यादि नज़र कमज़ोर है तो आप्टोमेट्रिस्ट वहीं पर बच्चे के चशमे का भी नम्बर जांचते है फिर डेंटिस्ट द्वारा बच्चे के दांतों की और उसके मुँह की जांच होती है उसके बाद बच्चे के सुन पाने और बोल पाने की क्षमता की जांच ऑडियोलाॅजिस्ट एवं स्पीचथ्रैपिस्ट करते हैं।
फिर बच्चे के पोषण विकास दर की जांच के लिये उसे पोषण विषेशज्ञ के पास भेजा जाता है।
इसके बाद बच्चा बाल मनो चिकित्सक के पास जाता है जहाँ उसके मानसिक एव बौद्धिक विकास के साथ बच्चे की व्यवहार कुशलता एवं उसकी बौद्धिक क्षमता की जांच की जाती है।
अंत में टीम सहायक बच्चे के कार्ड को देखकर चेक करते हैं कि बच्चा किसी जांच से वांचित तो नहीं रह गया है, यादि कोई बच्चा किसी जांच डेस्क पर नहीं गया तो उसे वहां भेज कर उसकी बची हुई जांच पूर्ण करते हैं।
इस प्रकार एक बच्चे की सम्पूर्ण जांच में लगभग 40 से 50 मिनट का समय लगता है और उसके बाद बच्चे का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तैयार हो जाता है जो स्टूफ़िट की वेबसाइट पे जाके यूज़र आई डी एवं पास्वर्ड डाल के प्राप्त किया जा सकता है जिससे कि अभिभावक एवं स्कूल प्रबंधक के पास प्रत्येक बच्चे का हेल्थ रिपोर्ट मौजूद रहता है जोकी इमरजेन्सी पड़ने पर बच्चे के बहुत काम आता है साथ ही साथ इस रिपोर्ट से आसानी से पता किया जा सकता है के यादि बच्चा पढ़ाई में कमज़ोर है तो उसका क्या कारण है जिस पर ध्यान देकर और उसे सुधार कर बच्चे का भविष्य उज्जवल किया जा सकता है।
इस कार्ड पर सालाना मात्र 1200 रुपये का खर्च आता है। स्टुफ़िट ने उत्तर प्रदेश में सफ़लतापूर्वक झाँसी, लखनऊ, लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर इत्यादि जनपदों के कई स्कूलों में हेल्थ कैंप किये हैं।
स्टुफ़िट स्टार्टअप अगले पांच साल में दस करोड़ बच्चों को अपनी सेवाओं के दायरे में लाना चाहता है। जल्द ही यह स्टार्टअप पूरे देश में अपनी सेवाएँ प्रदान करेगा।
डाॅ एस हैदर ने कहा है कि बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं और अगर हमें अपने देश को मज़बूत बनाना है तो शुरुआत हमें अपने बच्चों के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास को मज़बूत करके ही करनी होगी और स्टूफ़िट इसके लिये प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि आगे जाकर हेल्थ कार्ड के जरिए दूसरी स्वास्थ्य सबंधी सेवाएं पहुंचाने की भी कोशिश करेंगे।