अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
प्रदेश सरकार की सरकारी नौकरियों को समाप्त करने की मंशा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को नरक बनाने वाली है। लोगों के पेट पर लात मारना नैतिकता और देशभक्ति की श्रेणी में नहीं आता है। सरकार इस प्रकार के तर्क से लोगों को भ्रमित नहीं कर सकती। सरकार का उद्देश्य लोगों को जीवन को उत्कृष्ट करना होना चाहिए न कि बर्बादी की ओर धकेलना। एक तरफ 50 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया को बढ़ाया जा रहा है, तो दूसरी ओर नई नियुक्तियों के रास्ते बन्द किए जा रहे हैं। शिक्षक संघ के प्रवक्ता नोमान नें कहा कि यह केवल सरकारी कर्मियों को ही प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि व्यापार को भी पूरी तरह तबाह कर देगा। पांच वर्ष की संविदा और बार-बार के मूल्यांकन पर नौकरी से बाहर की योजना सीधे-सीधे नई नौकरियां समाप्त कर शोषण के चरम पर आधारित होगी। इस प्रकार के दमनकारी फरमान को लोकतान्त्रिक व्यवस्था में स्वीकार नहीं किया जा सकता। जनता सुरक्षित भविष्य के लिए सरकार चुनती है। सरकार द्वारा पहले ही पेन्शन समाप्त कर बुढ़ापे को नरक बनाया गया है। अब नौकरियां खत्म करने वाली नीतियों से युवाओं और छात्रों के जीवन को अन्धकारमय किया जा रहा है।
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