रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले की ग्राम पंचायत बामनिया के बेरोजगार युवाओं का सब्र का बांध टूटने लगा है, बेरोजगार युवाओं ने झाबुआ कलेक्टर से गुहार लगाई है। युवाओं का कहना है “अब तो सुनो हमारी पुकार ये कैसा भ्रष्टाचार”, ग्राम पंचायत बामनिया में आखिर क्यों नहीं होती है कार्यवाही?
सौशल मिडिया पर वारयल हो रहे है कमेंटस ग्राम पंचायत बामनिया के कारनामे, फिर भी शासन प्रशासन आखिर मौन क्यों है?
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना सन् 2015 में प्रारम्भ हुई एक ऐसी महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना है जिसका उद्देश्य सन् 2022 तक देश के लगभग सभी निर्धनों को आवास उपलब्ध कराना है।
किन्तु ग्राम पंचायत बामनिया मे माननीय प्रधानमंत्री के सपनों को धत बताते हुए जनकल्याणकारी योजनाओं का पलीता लगा रहे हैं।
माननीय प्रधानमंत्री की मंशा अनुसार झाबुआ जिले के अनेक शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है। हितग्राही जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेने के लिए झाबुआ जिले की अनेक नगर परिषद व ग्राम पंचायतों के चक्कर लगा रहे हैं।
गरीब बेसहारा लोगों के कच्चे मिट्टी के आशियाने ( घर ) जर्जर होकर जमी दोस्त हो चुके हैं और कुछ गरीब लोगों के आशियाने गिरने की कगार पर हैं इसलिए अब युवाओं का सब्र का बांध टूटने लगा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले पात्र गरीब परिवार के लोगों को नहीं दिया जा रहा है।
बामनिया में वर्षों से निवास कर रहें किसी निर्धन और निःसहाय लोगों को नहीं दिया जा रहा।
झाबुआ जिले के मेघनगर में भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है।
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