पशुओं का चारा लेने गई युवती की रामगंगा नदी में डूबने से हुई मौत | New India Times

आलम वारसी, ब्यूरो चीफ, मुरादाबाद (यूपी), NIT:

पशुओं का चारा लेने गई युवती की रामगंगा नदी में डूबने से हुई मौत | New India Times

कुछ दिन पहले रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था जिससे पशुओं के चारे की किल्लत होने लगी थी। पशुओं के चारे की समस्या को देखते हुए ग्रामीण लोग रामगंगा नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे थे। रामगंगा नदी का घटता जलस्तर देख मूंढापाण्डे क्षेत्र के गांव दौलतपुर अजमतपुर निवासी निशा (15) वर्ष अपने पिता गफ्फार के बीमार होने के कारण खुद शुक्रवार की सुबह को पड़ोस में ही रहने वाले शरीफ़ की बैलगाड़ी मांगकर अपने ताऊ इकरार (55), एक बहन गुलनाज और शरीफ का लड़का जीशान के साथ चारा लेने निकली। रामगंगा नदी का घटता जलस्तर देख लड़के ज़ीशान ने बैलगाड़ी रामगंगा नदी में उतार दी। बैलगाड़ी धार के सामने आ जाने से बैलगाड़ी पलट गई। जिससे बैलगाड़ी में बैठे चारों लोग डूबने लगे। निशा पुत्री गफ्फार और जीशान पुत्र शरीफ के बैल की डूब कर मौके पर ही मौत हो गई। इकरार की चीख पुकार की आवज सुनकर बराबर में खेतों में काम कर रहे लोगों ने इकरार को डूबता देख शोर मचाना शुरू कर दिया। जिससे स्थानीय लोगों ने बड़ी मेहनत और मशक्कत करने के बाद जीशान, इकरार और उसकी भतीजी गुलनाज को बाहर निकालने में सफल रहे लेकिन निशा को निकालने में असमर्थ रहें। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से निशा के शव को ढूँढने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उस वक्त कोई सफलता हाथ नही लग सकी। निशा के डूबने की सूचना जैसे ही परिवार वालों को मिली तो परिवार वालों में कोहराम मच गया और परिवार के लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गए। स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा डायल 112 पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही डायल 112 पुलिस की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंच गई। जिसके बाद मूंढापांडे पुलिस को जानकारी दी गई। सूचना मिलने पर क्षेत्र अधिकारी रामकुमार सागर मय फोर्स के साथ-साथ गोताखोरों को लेकर घटना स्थल पर पहुंच गए। वहीं दूसरी ओर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिससे गांव में भी शोक की लहर है।

सरकारी तंत्र शव को निकालने में पूरी तरह रहा फेल
दमकल विभाग की टीम अपना ताम-झाम लेकर आयी थी लेकिन दमकल की टीम शव को नहीं ख़ोज पाई जिससे सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल नजर आया। दौलतपुर अजमतपुर गांव के ही निवासी आरिफ़ ने अपने सात घंटे के सर्च ऑपरेशन में कड़ी मेहनत कर शव को ढूंढ निकाला।

सात घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद मिला शव

निशा सुबह के 9 बजे के समय लगभग डूब गयी थी जिस के बाद ग्रामीण लोग और गोताखोरों ने सात घंटे का सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद शाम 4 बजे ग्रामीण आरिफ़ के हाथ सफलता लगी।


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