राशन दुकानों पर चल रहा फर्जीवाड़ा, प्रशासनिक अधिकारी बने हुए हैं मौन | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

राशन दुकानों पर चल रहा फर्जीवाड़ा, प्रशासनिक अधिकारी बने हुए हैं मौन | New India Times

केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गरीब निर्धन लाचार लोगों के लिये भरण पोषण के लिये शासन से जो राशन वितरित करने के लिये राशन दुकानों को खोला गया है व दुकान चलाने वाले विक्रेताओं को सख्त निर्देश भी दिये गये हैं कि अब उपभोक्ताओं को जो राशन वितरित फिंगर मशीनों से दिया जा रहा है उस में उपभोक्ता को राशन मिलने पर उस राशन की रेट वजन अनुसार पावती रसीद के तौर पर दी जाना जरूरी है मगर केन्द्र व राज्य शासन के नियमों की तो अधिकतर विक्रेता धज्जियां उडाते हुये नजर आ रहे हैं। अधिकतर दुकानों के उपभोक्ता ने बताया कि उन को पावती पर्ची नहीं दी जाती है न ही रेट लिस्ट दिखाई जाती है क्योंकि विक्रेताओं द्वारा उपभोक्ता के परिवार में 10 सदस्य हैं तो उनको 6 सदस्य का राशन दिया जाता है। जानकारी से पता लगा कि यदि दो माह का आवंटन राशन होता है उसमें से एक माह का राशन बांटा जाता है, एक माह का राशन सीधा गबन किया जाता है। वर्तमान जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं ने बताया कि जून माह का चावल स्टाक में रखा गया है बांटा नहीं गया है साथ ही बताया गया कि अभी शासन के अनुसार जो सर्वे अनुसार अपात्र नामों को काटा गया है मगर उनका राशन दुकानों में स्टाक में आ चुका है फिर भी नहीं दिया गया, यदि नहीं दिया गया तो वो शासन कहाँ जायेगा? ऐसी कई लापरवाहियां हो रही हैं मगर प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साध के बैठे हैं न राशन दुकानों का संबंधित अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है न ही जांच के बाद कोई कार्यवाही उच्च अधिकारी करते हैं। इस से ऐसा प्रतीत होता है कि सबकी मिलीभगत है तभी तो गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है और खुले तौर पर दुकानों में लापरवाही की जा रही है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading