गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:
बसपा नेता ने पार्टी का दामन छोड़ आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया है। आपको बताते चलें कि बसपा नेता अब्बास (गाजी) जोकि पूर्व में बीएसपी फैजाबाद मंडल के अध्यक्ष एवं कई अन्य पदों पर रहकर बीएसपी का कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले श्री गाजी ने आजाद समाज पार्टी में सदस्यता ग्रहण की और उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की सियासत और उसमें भी दलित सियासत की जब भी चर्चा होती है तो बसपा सुप्रीमो मायावती के बिना यह चर्चा अधूरी रह जाती है। वैसे तो मायावती पूरे देश में दलित राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं लेकिन बात जब यूपी की चलती है तो यहां उनका कद काफी बड़ा दिखाई पड़ता है। कभी यूपी के दलितों को कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक माना जाता था। दलित वोट बैंक के सहारे कांग्रेस ने दशकों तक यूपी की सत्ता पर राज किया और जब इन्हीं दलितों ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थामा तो प्रदेश में न तो कांग्रेस की सत्ता बची न ही पार्टी की साख बच पाई। दलित वोट बैंक के सहारे मायावती ने एक−दो बार नहीं चार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली मगर दलितों को धोखा के सिवा कुछ भी नहीं मिला।
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