Edited by Abrar Ahmad Khan, NIT:
लेखक: सैय्यद खालिद कैस
लॉक डाउन अवधि में जब सारा देश घरों में रहकर कोरोना संक्रमण से बचने के प्रयासों में व्यस्त था , जनता अपनी जान की रक्षा के उपाय तलाश रही थी वहीं भोपाल ज़िला प्रशासन के एसडीएम ऑफिस में बैठे अधिकारी , कर्मचारी जनता के खून पसीने की कमाई पर अपने अनियमित आचरण के साथ भारी नुकसान कर रही थी । लॉक डाउन अवधि में जहां लोग घरों में थे वहीं एसडीएम कोर्ट , तहसीलदार कोर्ट से राजस्व मामलो को अकारण निरस्तीकरण का चक्र चलाया गया जिसका आभास अब जुलाई माह में लोकसेवा केंद्र खुलने पर हुआ और जनता ठगी गई ।
मालूम हो कि ज़िला प्रशासन और भोपाल लोकसेवा केंद्र के आपसी सामंजस्य के कारण आवेदकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे ही कुछ मामले आज सामने आए जिसमें नजूल वृत्तों में बैठे अधिकारी, कर्मचारियों के अनियमित आचरण का बोझ जनता को सहना पड़ रहा है ।
गौरतलब हो कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के फलस्वरुप प्रधानमंत्री के आदेश के बाद 22मार्च को जनता कर्फ्यु के बाद देश भर में 24मार्च से लॉक डाउन लग गया। नतीजा यह हुआ कि सभी सरकारी आफिस बंद हो जाने से ज़िला प्रशासन के समक्ष लंबित प्रकरण एवं कार्रवाइयां लॉक डाउन खुलने तक स्थगित मानी गई और यही हाल लोकसेवा केंद्र से संचालित सेवाओ के जमा आवेदनो का हुआ । लगातार बढ़ते लॉक डाउन के कारण 22मार्च से बंद लोक सेवा केंद्र 29जून तक बंद रहे और जनता का कोई काम नही हुआ । मगर अब लोक सेवा केंद्र खुलने पर जो स्थिति सामने आई वह जनमानस के लिये दुखदायी साबित हुई है । नतीजतन लोकसेवा केंद्र में जमा आवेदन ख़ारिज कर दिए गये और कारण भी नही दर्शाए । सबसे अधिकार एमपी नगर वृत्त के मामले सामने आए हैं और इन मामलो में जि़म्मेदार एक दूसरे पर मामला डालते नज़र आये।
क्या हुआ –
प्राप्त जानकारी अनुसार शहर वृत्त में जमा जाती प्रमाणपत्र आवेदन क्रमांक RS/444/0106/2524/2020 जो दिनाँक 28-02-2020 क़ो जमा हुआ था उसकी निर्धारित तिथि 13-04-2020थी क़ो 07-04-2020क़ो ही निरस्त कर दिया गया जबकि अप्रैल माह में लॉक डाउन लगा था नियम अनुसार कार्यालय बंद होने और लॉक डाउन होने के कारण आवेदन निरस्त नही होना था । सबसे ख़ास बात यह है कि आवेदन निरस्त कर तो दिया परन्तु कारण नही लिखा जो इस बात का प्रमाण है कि अंधेर गर्दी मचा रखी है । इसी प्रकार एमपी नगर वृत्त में जमा जाती प्रमाणपत्र प्रकरण RS/444/0106/2889/2020 ,RS/444/0106/2886/2020 जो दिनाँक 06-03-2020 को जमा किया था तथा जिसकी तय सीमा 25-04-2020 थी को 22-04-2020 को यह लिखकर निरस्त किया गया कि “मूल प्रकरण एवं जाँच प्रतिवेदन प्राप्त नही होने से आवेदन निरस्त किया जाता है “।
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मूल प्रकरण और जाँच प्रतिवेदन का भार नजूल वृत्त और राजस्व निरीक्षक का होता है जिनको रकम नही मिलने पर आवेदन निरस्त होते हैं। लॉक डाउन अवधि में आवेदन निरस्तीकरण की कारवाई अनियमितता को उजागर करती है।
अपर कलेक्टर के आदेश भी नही मानते वृत्त वाले –
जाती प्रमाणपत्र के एक मामले में अपील क्रमांक 33/2019-2020 आदेश दिनाँक 27/01/2020 को तात्कालीन अपर कलेक्टर ने आवेदक (सुनील परमार वल्द लक्ष्मीनारायण )की अपील को स्वीकार कर कोलार एसडीएम को आदेशित किया था परन्तु आज 05माह से अधिक समय गुज़र जाने के बाद अपर कलेक्टर के आदेश का पालन कोलार एसडीएम ने नही किया । यह इस बात का प्रमाण है कि उनके सामने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का कोई मोल नही है।
क्या कहते हैं अधिकारी –
लोकसेवा केंद्र पूरे लॉक डाउन में बंद रहे, हमने सारे मामले संबंधित एसडीएम वृत्त को भेजें और उनके द्वारा ही निरस्त किए गये, इसके लिये हम जिम्मेदार नही हैं: प्रसून सौनी लोक सेवा प्रबंधक|
मुझे इस मामले में कोई ज्ञान नहीं। अभी तक मेरे डिजिटल साइन भी नही बने। जिन्होने निरस्त किए उनसे बात कीजिये: आकाश श्रीवास्तव एसडीएम एमपी नगर वृत्त|
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.