कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश को कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने दिखाया ठेंगा, पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ दिये गये धरने से अनेक जनप्रतिनिधि रहे नदारत | New India Times

अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश को कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने दिखाया ठेंगा, पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ दिये गये धरने से अनेक जनप्रतिनिधि रहे नदारत | New India Times

देश भर में करीब एक माह से हर दिन पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की होड मे दुनिया के इतिहास में पहली दफा पेट्रोल से डीजल का महंगा होने के कारण आम आदमी के मन में केंद्र सरकार के खिलाफ ईंधनों के बेतहाशा महंगे हो जाने से पनपे आक्रोश के उबाल खाने को देखकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा भारत भर में 29 जून को कलेक्ट्रेट के सामने सुबह दस से बारह बजे तक मात्र दो घंटे का एक साथ धरना देकर ज्ञापन देने के कांग्रेस जनों को दिये आदेश को कांग्रेस के अनेक जनप्रतिनिधियों ने ठेंगा दिखाते हुये अपने क्षेत्र के धरने से गैर मौजूदगी दर्शाते हुये पीड़ित जनता के साथ जुड़ाव से भी दूर रहकर जनता में मूल्य वृद्धि से मची त्राहि त्राहि के समय दुखी आंखों से निकलते आंसुओं के समय हमदर्दी दिखाने में असफल रहे।
इसी सिलसिले मे 29 जून को कांग्रेस के राष्ट्रीय आयोजन के तहत भारत के अन्य हिस्सों की तरह राजस्थान के सीकर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा पेट्रोल डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ दिये गये धरने में तो स्वयं जिला अध्यक्ष प्रतापसिंह जाट शामिल नये हुये। जाट के अलावा कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता व पूर्व मंत्री शहर विधायक राजैन्द्र पारीक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमाधोपुर विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत व पूर्व मंत्री व कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे धोद विधायक परश राम मोरदिया भी जिला मुख्यालय पर दिये गये उक्त धरने से नदारद नजर आये। इनके विपरीत शिक्षा मंत्री व लक्ष्मनगढ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, दांतारामगढ़ विधायक वीरेन्द्र सिंह, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी व फतेहपुर विधायक हाकम अली के अतिरिक्त खण्डैला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे सुभाष मील आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने मे जरूर उपस्थित रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश को कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने दिखाया ठेंगा, पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ दिये गये धरने से अनेक जनप्रतिनिधि रहे नदारत | New India Times

हालांकि कांग्रेस की परिपाटी अनुसार कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन, रैली जैसे अनेक तरह से आंदोलन मे कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के भाग लेने व नहीं लेने से उनकी राजनीतिक सेहत पर कभी कोई असर नहीं होता है। उनके टिकट मिलने से लेकर मंत्री तक का पद पाने का रास्ता उक्त तरह के पार्टी आयोजनों से होकर नहीं गुजरने के कारण जनप्रतिनिधि उक्त कार्यक्रमों की गम्भीरता को अपनी सहुलियत अनुसार लेते रहने का चलन देखा गया है।
कुल मिलाकर यह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर भारत भर के अन्य हिस्सों की तरह सीकर मुख्यालय पर भी कलेक्ट्रेट के सामने कांग्रेस जनों द्वारा धरना दिया गया। जिसमें अनेक कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की गैर मोजूदगी की क्षेत्र में काफी चर्चा रही। हालांकि उक्त धरने में आम कांग्रेस जनों ने बड़ी तादाद में भाग लेकर मूल्य वृद्धि के खिलाफ मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

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