पंकज शर्मा , ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:
जीवन की भागदौड़ एक आशियाने के लिए होती है और गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना आशियाने का एक बड़ा वरदान है। यूं तो कोरोना वायरस के कारण पूरे विश्व में हलचल मची हुई है, जिसका प्रभाव भारत में भी बड़े स्तर पर नजर आ रहा है लेकिन आवास की आस में गरीब ने अपने क्षेत्र में इस महामारी को पछाड़ रखा है। महामारी से बचने के लिए 23 मार्च से लॉक डाउन शुरू हुआ, जो कुछ शर्तों के साथ 31 मई को समाप्त हुआ। लॉक डाउन दरमियान ग्रामीण इलाकों में मिली छूट में धार जिले में एक हजार 134 आवास तैयार हो गए। मतलब 1134 परिवारों के सदस्यों के रहने का माकूल इंतजाम हो गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इनके निर्माण के दौरान महामारी के प्रभाव को देखते हुए इससे बचने के तरीके बताए गए और काम करने वाले कर्मचारियों का ध्यान भी रखा गया। यही कारण है कि 2 जून तक पूरे जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की एक हजार 134 आवास तैयार हो सके।
पहले नंबर पर बाग
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी अधिकारी के अनुसार बाग जनपद क्षेत्र में 336 आवास तैयार हो गए हैं इसके अलावा उमरबन जनपद क्षेत्र में 217, डही जनपद क्षेत्र में 160, गंधवानी जनपद में 115 तथा सरदारपुर जनपद क्षेत्र में 113 आवास बन चुके हैं। बताया जा रहा है कि वार्षिक टारगेट के आधार पर तिरला और नालछा जनपद क्षेत्र इस मामले में पिछड़े हुए हैं।