ग्राम प्रधान द्वारा बनाई गई नाली बना जी का जंजाल | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

ग्राम प्रधान द्वारा बनाई गई नाली बना जी का जंजाल | New India Times

अंबेडकर नगर जिले के अकबरपुर ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सुबारपुर में बने तालाब में गांव के नाली का पानी गिराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार को इसको लेकर भारी संख्या में लोग जमा हो गए तथा ग्राम प्रधान विवेक वर्मा द्वारा निकाले जा रहे नाली का विरोध किया।

ग्राम प्रधान द्वारा बनाई गई नाली बना जी का जंजाल | New India Times

ग्राम प्रधान विवेक वर्मा ने इस संबंध में बताया कि
जल निकासी व्यवस्था आजादी के बाद से ही राम भरोसे चल रही थी। जब भी नाली का निर्माण की बात आए तो वह सरकारी काम में व्यवधान डाल देते थे। बारिश के दिनों में पूरे गांव में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस संबंध में कई बार जिला प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई तत्पश्चात नाली निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई मगर गांव के कुछ लोगों द्वारा नाली का विरोध किया जा रहा है। गांव के राम चरण ने बताया कि गांव का पानी तालाब में आने से तालाब के किनारे बसे हुए लोगों के लिए मुसीबत हो जाएगी। ग्राम प्रधान इसके लिए दूसरा विकल्प देखें।
वर्षों से इन्हीं कारणों के चलते देश के आजादी के बाद से इस गांव में नाली का निर्माण नहीं हो पाया। नाली ना बनने के कारण बारिश में पूरा गांव पानी से लबालब रहता है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था के अभाव में प्रधान द्वारा कई बार शिकायत की गई मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे पानी निकासी व्यवस्था भी अवरूद्धं हो गई है। गांव के ग्राम प्रधान विवेक वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी जिला प्रशासन भू माफियाओं से तालाब और पोखरे की जमीन पर कब्जा नहीं हटा पा रहा है। गांव में बने हुए तालाब के अगल-बगल लोगों ने पूरी तरह कब्जा कर रखा है और गांव के दूसरे छोर पर गड्ढे की जमीन को भी कब्जा किया गया जहां न्यायालय में मामला विचाराधीन है। आखिर पानी जाए तो जाए कहां???


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading