पंकज शर्मा/राकेश साहु, धार (मप्र), NIT:
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने विभाग की आंगनवाडी कार्यकर्ताओ से आडिट के नाम पर जबरन दवाब पूर्वक डरा धमकाकर अवैध वसूली की है। उक्त अवैध वसूली की जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को भी है। विभाग की आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को वेतन के नाम पर अल्पवेतन मिलता है और वेतन भी निर्धारित समय पर नहीं मिलता है। अल्पवेतन कर्मचारियों से ऑडिट के नाम पर 200 रुपये प्रति आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ से लिये गये हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया गया कि रुपये नहीं देने पर आंगनवाड़ियों के समस्त रजिस्टरों का रिकॉर्ड चेक करने की धौस दी जाती है। अवैध वसूली का प्रकरण पूर्व में भी हो चुका हैं जिसमें विभाग की सुपरवाइजर ने कार्यकर्ता या सहायिका से एक हजार रुपए की मांग की थी और बाद में लोकायुक्त प्रकरण भी दर्ज हुआ था।
होमटेक सत्तू का वितरण नहीं हो रहा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत दो ढाई माह से लॉक डॉउन के कारण विभाग की आंगनवाडी बंद थी, किन्तु शासन द्वारा होमटेक सत्तू का वितरण प्रतिमाह वितरण के निर्देश है। किन्तु क्षेत्र की आंगनवाडी विगत दो ढाई महीने से नहीं खुल रही हैं और न ही सत्तू का वितरण भी नहीं किया जा रहा है। विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अस्वस्थ होने के कारण विगत कुछ महीने से अपने कार्यालय में निर्धारित समय पर नहीं बैठ पा रहे हैं और अपने निवास पर ही फाइलों को बुलाकर देख लेते हैं और कुछ समय विभाग में आकर भी बैठते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी की निष्क्रियता के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनायें दम तोड़ती नजर आ रही हैं। सारी योजनाओं को कागज पर ही संचालित किया जा रहा है। कागजों पर ही खाना पूर्ति कर अपने कर्तव्य की इतिश्री की जा रही हैं। मध्यप्रदेश सरकार की जनोन्मुखी योजनाओ का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है।
जिम्मेदार क्या बोले
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी का पक्ष जानना चाहा तो उनका मोबाइल बंद आया।
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