गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
भाजपा सरकार के शासनकाल में हर तरफ दबंग लोगों का वर्चस्व कायम है, गरीबों के अधिकार पर डाका डाला जा रहा है। दबंगों का आलम यह है कि जहां मौका पा रहे हैं बिना किसी हिचक के लोगों पर जुल्म कर रहे हैं।
ताजा मामला अकबरपुर विकास खंड के गांव मजीसा जो कि सम्मनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत है का सामने आया है। कई वर्षों से लोगों पर मन बढ़ कोटेदार राम भरत की कार्यशैली से गांव की जनता पूरी तरह परेशान है। लोगों ने बताया कि कोटेदार के मनमानी की वजह से कई लोग भूखे मर सकते हैं फिर इसका जिम्मेदार होगा सिस्टम पर बैठे हुए अधिकारी या भ्रष्ट कोटेदार? कोटेदार की मनमानी इस कदर बढ़ी हुई है कि गांव का हक मारकर गांव के लोगों पर ही पर रूतबा जमाता है। परेशान ग्रामीण जब अपने हक की बात करते हैं तो कोटेदार मारपीट पर आमादा हो जाता है और लोगों को खरी-खोटी सुनाता है और महिलाओं को भद्दी भद्दी गालियां देता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान भी कोटेदार से मिला हुआ जिसकी वजह उनके हक पर डाका डाला जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से कोविड-19 महामारी में निःशुल्क प्रति यूनिट पर 5 किलो चावल और प्रति कार्ड पर 1 किलो चना लागू है उस पर भी कोटेदार द्वारा घटिया चना वह भी 900 ग्राम वितरण किया जा रहा है। राशन देते समय ग्रामीणों से इस तरह का बर्ताव करता है जैसे यह योजना कोटेदार ने लागू की है। ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार जहां राशन वितरण में मनमानी कर रहा हैं, वहीं लगभग सैकड़ों पात्र लोगों का राशन कार्ड सूची से नाम काट दिया है। शिकायत करने पर कोटेदार मारपीट पर आमादा हो जाता है। ग्रामीणों ने डीएम से कोटे की जांच करा कर कोटेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.