आबिद कुरैशी, रुनकता/आगरा (यूपी), NIT:
रुनकता जामा मस्जिद के इमामो खतीब मुफ़्ती शफीकुर्रहमान क़ासमी ने बताया इस वक़्त हमारे मुल्क भारत में लॉक डाउन का सिलसिला जारी है। सवाल किया जा रहा है के अगर हालात ऐसे ही रहे तो ईद उलफित्र की नमाज के मुताल्लिक किया हुकुम होगा, इस लिए नमाज ए ईद उलफित्र के सिलसिले में रहनुमाई की जरूरत है।
ईदेन की नमाज अहनाफ के नजदीक असह और मुफ्ता बिही कोल के मुताबिक वाजिब है और इसके लिए वही शराइत हैं जो जुमे के लिए हैं, सिवाए ख़ुत्बे के, जुमे में खुत्बा शर्त है और ईदेन में सुन्नत। जुमे में खुत्बा नमाज से पहले होता है और ईदेन में नमाज के बाद। इसलिए मौजूदा इजतिरारी हालात में घर की बैठक या बाहिरि कमरों में इमाम के अलावाह जहां तीन बालिग मर्द मौजूद हों वह बाजमात ईद की नमाज अदा कर लें और जिन लोगों के लिए नमाज ए ईद की कोई सूरत ना बन सके उज़र और मजबूरी की वजह से उन से नमाज ए ईद माफ होगी, इनके लिए बेहतर यह है के यह तन्हा तन्हा 2 या 4 रकात चाशत की नमाज अदा करलें, फुकहा ने इस की इजाजत दी है।
अलबत्ता ये रकातें नमाज ए ईद के क़ाइम मक़ाम नहीं होंगी।
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