जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में हुआ संतोषजनक सुधार, जिला अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट पुनः हुई प्रारंभ, नवजात शिशुओं का वीडियो कॉलिंग से किया गया उपचार | New India Times

पंकज शर्मा/राकेश साहू, धार (मप्र), NIT:

जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में हुआ संतोषजनक सुधार, जिला अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट पुनः हुई प्रारंभ, नवजात शिशुओं का वीडियो कॉलिंग से किया गया उपचार | New India Times

कोरोना महामारी के दौरान जिला अस्पताल प्रबंधन की गलतियों के कारण कोरोना का संक्रमण पूरे जिला अस्पताल में फैल गया था और आम जनता व अस्पताल के कर्मचारी ड्यूटी पर जाने में डर रहे थे और मानसिक रूप से भयभीत हो गए थे। जिला कलेक्टर ने दूरदर्शी निर्णय लेते हुए उचित समय पर कदम उठाया और सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए जिला अस्पताल की कमान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल वर्मा को सौंपी। सीएमएचओ डॉ पनिका व सिविल सर्जन डॉ अनिल वर्मा ने अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए सभी कर्मचारियों को कार्य के प्रति प्रेरित कर जिला अस्पताल की व्यस्थाओं को सुधारने में कोई कमी नहीं रखी। सभी कर्मचारियों के सहयोग से जिला अस्पताल में पुनः रौनक दिखाई देने लगी और आम आदमी भी अपना उपचार कराने के लिए आने लगा है। जिले में अब पहले की अपेक्षा कोरोना महामारी पर नियंत्रण भी नजर आ रहा है।

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प्राइवेट चिकित्सकों ने दी निःशुल्क सेवा

नगर के प्राइवेट चिकित्सक डॉ सिसोदिया, डॉ डामोर, डॉ कामतिया ने कोरोना महामारी को देखते हुए मानव सेवा करने के लिए आगे आये और जिला अस्पताल को अपनी निःशुल्क सेवा देने में जुट गए।

एसएनसीयू यूनिट हुई प्राम्भ

जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में हुआ संतोषजनक सुधार, जिला अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट पुनः हुई प्रारंभ, नवजात शिशुओं का वीडियो कॉलिंग से किया गया उपचार | New India Times

कोरोना महामारी के दौरान एसएनसीयू यूनिट के तीन कर्मचारी कोरोना से प्रभावित हो गए थे। चूँकि एसएनसीयू में एक दो दिन के नवजात बच्चों को रखा जाता है, उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए तत्काल जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। उसके बाद उक्त यूनिट के सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाकर कॉरेन्टीन किया गया था। अब यूनिट के सभी कर्मचारी पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद यूनिट को 11 मई से पुनः चालू कर दिया गया है। यूनिट को तीन चार बार सेनेटाइजर से साफ स्वच्छ कर दिया गया है।

वीडियो कॉलिंग से किया उपचार

एसएनसीयू यूनिट के कर्मचारियों का लगाव नवजात शिशुओं से अत्यधिक होने के कारण स्टॉफ के चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, आया, वार्ड बॉय, चतुर्थ श्रेणी, सुरक्षाकर्मी कर्मचारी सभी कॉरेन्टीन होने के दौरान उनका मन नहीं लग रहा था और नवजात शिशुओं की चिंता उन्हें सता रही थी और ड्यूटी पर आने के लिए लालायित थे उनका समय नहीं निकल रहा था, कब स्वस्थ हों औऱ कब ड्यूटी पर पहुँचे। एसएनसीयू स्टॉफ की प्रशंसा करना होगी जिन्होंने अपने परिवार से अधिक सेवा को महत्व दिया है। कॉरेन्टीन होने के दौरान डॉ राजेश जर्मा व एसएनसीयू प्रभारी सिस्टर नम्रता ने नवजात शिशुओं का उपचार वीडियो कॉलिंग के माध्यम से किया। एसएनसीयू प्रभारी सिस्टर नम्रता ने अपने परिवार से ज्यादा सेवा को महत्व दिया है, कॉरेन्टीन सेंटर से डिस्चार्ज होने के तत्काल बाद अपने घर न जाते हुए पहले ड्यूटी ज्वाइन की ओर औऱ नवजात बच्चों की जान को बचाया। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में भेरू मावी, दुर्गा मौसी, अर्चना, फूलवंती आदि ने भी सराहनीय कार्य कर कोरोना योद्धा के रूप में कार्य किया हैं। कुछ कर्मचारी होम कॉरेन्टीन होने के कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहे है, कर्मचारी उनके स्थान पर डबल ड्यूटी कर रहे हैं और स्टॉफ की कमी महसूस नहीं होने दे रहे हैं।

एसएनसीयू में सुरक्षा को लेकर सख्ती करना होगी

नवजात बच्चों को संक्रमण जल्दी फैलता है, उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसएनसीयू यूनिट के अंदर जाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जावे तथा शासकीय नियमों के दिशा निर्देश का पालन सख्ती से कराया जाना चाहिए।


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