संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
नोवल कोरोना वायरस ने भारत सहित पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। तेजी से फैलने वाले इस खतरनाक वायरस से लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं और हजारों लोगों की असमय जान जा चुकी है। वैश्विक महामारी घोषित कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की वजह से मानवता गम्भीर संकट से जूझ रही है। कोरोना की रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए पूरी दुनिया में लॉक डाउन चल रहा है जिससे लोग अपने घरों में ही कैद हैं। कोरोना वायरस के लगातर बढ़ते कहर के बीच इसके खिलाफ पूरे देश और प्रदेश में एकजुटता के साथ जंग जारी है। जिसमें हमारे डॉक्टर, नर्सेस अन्य स्वास्थ्यकर्मी, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी-कर्मचारी पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ रात-दिन अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं। संकट के ऐसे समय पर आम नागरिक एवं स्वयंसेवी संस्थाएं भी जरुरतमंदों की मदद के लिये लगातार आगे आ रही हैं। आपदा की इस घड़ी में मासूम बच्चे भी कोरोना को हराने और सरकार को आर्थिक सहयोग देने के लिये आगे आ रहे हैं। बुन्देलखण्ड अंचल के पन्ना जिले के मोहम्मद अल्फ़ेज़ कबीर ऐसे ही परोपकारी मासूम छात्र हैं, जिसने कोरोना वायरस की रोकथाम और गरीब-जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अपनी गुल्लक दी है। पन्ना के बचपन प्ले स्कूल की कक्षा एलकेजी के इस चार वर्षीय छात्र द्वारा आज अपने घर के बाहर पन्ना की तहसीलदार सुश्री दीपा चतुर्वेदी को अपनी गुल्लक सौंपी गई। गुल्लक फोड़ने पर उसमें 4344 रुपये निकले। मासूम अल्फेज ने उक्त राशि अपने परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों से भेंट में मिले रुपयों को गुल्लक में डालकर जोड़ी थी।
टीवी पर हालात देखकर जागी सेवा भावना
खेलने-कूदने की उम्र में पीड़ित मानवता की मदद करने वाले इस मासूम ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आर्थिक सहयोग देने की भावना उसके अंतर्मन में टीवी पर देश-प्रदेश के हालात को देखकर जागी। लॉक डाउन की वजह से गरीब श्रमिकों, कमजोर वर्गों को हो रही परेशानी एवं राष्ट्रीय आपदा के समय शासन-प्रशासन को नागरिकों के द्वारा दिल खोलकर आर्थिक सहयोग करते देख उसने अपनी गुल्लक में जमा राशि देने की बात अपनी शिक्षिका माँ से कही। मासूम अल्फेज के इस नेक इरादे और जज्बे का पता जब परिवार के अन्य सदस्यों को चला तो सभी ने उसकी हौसला अफजाई की। लॉक डाउन के चलते अल्फेज के संकल्प को पूरा करने के लिए पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी से मोबाइल फोन पर चर्चा कर उनसे घर आकर गुल्लक प्राप्त करने का आग्रह किया गया। जिसके लिए वह सहर्ष तैयार हो गईं। शुक्रवार 3 अप्रैल को दोपहर करीब 12 बजे तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने छात्र अल्फेज के घर बाहर आकर उससे गुल्लक प्राप्त की। गुल्लक सौंपते समय अल्फेज की कज़िन सिस्टर आयत खान, नानी इमामन खातून एवं मौसी सानिया खान मौजूद रहीं। तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने इस नन्हें छात्र की संवेदनशीलता, बड़ी सोच और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर जागरूकता से प्रभावित होकर उसे चॉकलेट भेंट की।
कायम की मानवता की मिशाल
तहसीलदार सुश्री दीपा चतुर्वेदी ने मासूम छात्र मोहम्मद अल्फेज कबीर के द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अपनी गुल्लक देने के फैसले की मुक्त कण्ठ से सराहना करते हुए कहा कि अल्फेज जैसे बच्चे कोरोना से जारी लड़ाई में हमारी उम्मीद की किरण हैं। जहाँ इतने छोटे बच्चे स्वप्रेरणा से इस लड़ाई में भागीदार बन रहे हैं वहाँ कोरोना की हार सुनिश्चित है। आपने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा ही सबसे बढ़ धर्म और सच्चा राष्ट्र प्रेम है।
संकट की इस घड़ी में यह भावना लगातार मजबूत हो रही है। छात्र अल्फेज ने अपने अनूठे और हृदयस्पर्शी प्रयास से मानवता की मिशाल कायम की है। सुश्री चतुर्वेदी ने कहा कि मैं ऐसे अभिभावकों को नमन करतीं हूँ जो कि मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना हेतु अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे रहे हैं। तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने मासूम छात्र अल्फेज से गुल्लक प्राप्त करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं ताकि अन्य लोगों को
भी इससे प्रेरणा मिल सके।
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