कोराना वायरस व लाॅक डाउन से उपजे संकट में सीकर की जनता अपने विधायकों के भरोसे, विधायकों के निधि कोष से रुपये खर्च करने की जिला परिषद द्वारा जारी हुई स्वीकृति | New India Times

अशफ़ाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

कोराना वायरस व लाॅक डाउन से उपजे संकट में सीकर की जनता अपने विधायकों के भरोसे, विधायकों के निधि कोष से रुपये खर्च करने की जिला परिषद द्वारा जारी हुई स्वीकृति | New India Times

वैश्विक बीमारी कोराना की चीन से निकली चिन्गारी ने विश्व के अधिकांश देशों को चपेट में लेने के साथ-साथ भारत के अधिकांश प्रदेशों में कोराना संक्रमित मरीजों का पाये जाने व सरकार द्वारा बीना तैयारी के अचानक लाॅक डाउन लागू करने से आम जनता को सम्भालने का अवसर नहीं मिल पाया। अचानक हुये लाॅक डाउन के बावजूद लाखों दिहाड़ी मजदूरों को हड़बड़ाहट में भारत भर में इधर से उधर होना पड़ा। जिसमें काफी मजदूरों को सैकड़ों मील भूखे प्यासे सफर तय करना पड़ा है। उस सफर में भूख व दुर्घटना से अधिक लोगों के मरने की खबरें भी आ रही हैं।
चीन के बाद यूरोपीय देशों व अमेरिका में कोराना ने सबसे अधिक कोहराम मचाया है। सभी तरह के साधनों व आधुनिक मेडिकल सुविधा वाले उक्त देशों में कोराना ने कोहराम मचा रखा है तो भारत जैसे दैश के सामने तो कोराना काफी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। स्पेन को सामने रखकर कोराना से लोगों के संक्रमित होने पर उनके इलाज के लिये मेडिकल इकीवपमेंट, सेनेटाईजेसन व अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी हमारे मेडिकल विभाग के बहादुर कर्मियों के सामने बड़ी चुनौती बन सकती है। स्पेन जैसे देश में कोराना से मरने वालों में मेडिकल विभाग के 12-13 प्रतिशत लोग बताते हैं। अगर भारत के मेडिकल कर्मियों के पास समुचित सुरक्षा उपकरण, सेनेटाईजेशन व विभिन्न तरह की दवाईयां व अन्य इलाज के अन्य साधन उपलब्ध नहीं हुये तो यह सब हमारे लिये गम्भीर चुनौती बनकर खड़ा हो सकता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोराना व लाॅक डाउन से राजस्थान में उपजे हालात को बहुत ही अच्छी तरह से सरकारी स्तर पर निपटने की कोशिश कर रहे हैं। दिन में एक या कभी कभी दो दफा अपने सहयोगियों के साथ बैठक कर रोजाना नये रुप में सामने आ रही दिक्कतों की समीक्षा पर मंथन करके उनके हल तलाश कर उन पर अमल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने जनता को बडी राहत पहुंचाने के अन्य तरीकों के अलावा प्रदेश के सभी विधायकों को विधायक निधि कोष से चाहे जितनी रकम कोराना वायरस से उपजे हालात से लड़ने के लिये खर्च करने की छूट प्रदान करने का बडा ऐहलान करने के बावजूद सीकर जिले के विधायकों ने इस छूट का उतना फायदा नही उठाया जितना उनको मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार उठाना चाहिए था। जिले के आठ विधायको मे सात सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के निशान पर जीते हुये विधायक है एवं एक निर्दलीय विधायक है जिन्होंने ने भी गहलोत सरकार को समर्थन दे रखा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के सभी विधायकों को कोराना वायरस व लोकडाऊन से उपजे हालत से निपटने के लिये विधायक निधि कोष से मेडिकल उपकरण, सेनेटाईजेसन व दवाओं की खरीद के अलावा जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिये सीकर जिले के विधायको मे सीकर शहर विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र पारीक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व श्रीमाधोपुर विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी व फतेहपुर विधायक हाकम अली ने एक एक लाख व दांतारामगढ विधायक विरेन्द्र सिंह ने डेढ लाख रुपये सरकारी जानकारी अनुसार अब तक जारी किये है। जबकि लक्ष्मनगढ विधायक व सरकार मे मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सताइस लाख, पूर्व विधायक व धोद विधायक परशराम मोरदिया ने छब्बीस लाख निधि कोष से दिये। उक्त कांग्रेस विधायको के अलावा गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे खण्डेला के निर्दलीय विधायक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह ने भी छब्बीस लाख निधि कोष से अब तक दिये है।
स्पेन मे मेडिकल कर्मियों के मरने वाले संक्रमित मरीजों के आंकड़ों से उपजे हालात देखते हुये कोराना वायरस से संक्रमित मरीजो के लिये इलाज मे लगे भारतीय चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों के सुरक्षा के समुचित उपकरण, टेस्ट किट, सेनेटाईजेसन के अलावा दवाओं के साथ साथ कही वेंटिलेटर की सख्त आवश्यकता है। एक मामूली से वेंटिलेटर की ही किमत कम से कम तीन लाख रुपये है तो विधायको द्वारा की जारी की रही रकम खर्च की प्रशंसा की जारी स्वीकृति के बाद तो यह रकम ऊंट के मुहं मे जीरे से भी कम मानी जा रही है।
राजस्थान मे हर विधायक को सालाना दो करोड़ का बजट उनके निधि विकास कोष से उनके क्षेत्र मे खर्च करने के लिये प्रशंसा करने का अधिकार मिला हुवा है। कोराना व लोकडाऊन से उपजे हालात से निपटने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी स्तर पर इन विधायकों को उस निधि कोष से चाहे जितनी रकम खर्च करने की प्रशंसा करने की छूट देकर जनता के हित मे मोजूदा संकट मे बडा कदम उठाया है। इसी के साथ एक अच्छी खबर यह भी आ रही है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने अपने निजी आय मे से एक लाख रुपया मुख्यमंत्री राहत कोष मे दिये है। साथ ही निजी आय से ही अब तक सीकर मे करीब बीस लाख रुपये की खाद्य सामग्री जरुरतमंदों तक पहुंचा चुके है।
कुल मिलाकर यह है कि कोराना वायरस व लोकडाऊन के संकट से जूझ रही जनता को अपने अपने विधायको पर मेडिकल उपकरण खरीदने के साथ साथ मेडिकल कर्मियों के सुरक्षा के साधन व दवाओं की खरीद के अलावा जरुरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिये अधिक से अधिक उनके निधि कोष से रुपया खर्च करने की प्रशंसा करवाने का दवाब बनाया जाना चाहिए।

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